मुंबई। आईपीएल का रोमांच रविवार से देखने को मिलेगा। हालांकि हर संस्करण की तरह नौवां संस्करण भी शुरू होने से पहले विवादों में उलझ गया। यह कहना गलत नहीं होगा कि आईपीएल विवाद का चोला दामन जैसा साथ हो गया है।
इस बार विवाद का कारण बना है पानी, आईपीएल का पहला मैच मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में होना है। लेकिन पिच के रखरखाव को लेकर पानी के इस्तेमाल पर बखेडा उठ खडा हुआ है। महाराष्ट्र सूखे और जलसंकट के दौर से गुजर रहा है। इसी के चलते बांबे हाईकोर्ट ने भी सरकार और बीसीसीआई को कडी फटकार लगाते हुए सवाल उठाया है कि आपके लिए आईपीएल मैच जरूरी है या लोग। कोर्ट ने मैच मुंबई से बाहर कहीं ओर कराने के आदेश दिए थे।
हालांकि हाईकोर्ट ने बाद में मैच को मंजूरी दे दी। अब आईपीएल का पहला मैच अपने तय स्थान पर होगा लेकिन मैच की शुरुआत से पहले उठ खडे हुए विवाद ने आयोजकों के होश उडा दिए। आईपीएल को लेकर इसी तरह हर बार कोई न कोई बडा विवाद होता रहा है। जानिए अब तक किस किस तरह के विवादों से घिरा आईपीएल।
आईपीएल की शुरुआत
इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल की शुरुआत विवादों के साथ हुई। हुआ यूं था कि भारत को पहला वर्ल्डकप दिलाने वाले कपिल देव की अगुवाई में औद्योगिक घराने ने इंडियन क्रिकेट लीग बनाई तो उसके काट के लिए बीसीसीआई ने आईपीएल की शुरुआत की और बाद में कपिल की अगुवाई वाली क्रिकेट लीग तो खत्म हो गई और आईपीएल चल निकला।
साल 2008 में श्रीसंत को पडा थप्पड
इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सत्र तके दो स्टार क्रिकेटर हरभजन सिंह और श्रीसंत के बीच झगड़े की खबर सुर्खियों में रही। मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच के दौरान हरभजन ने श्रीसंत को गुस्से में आकर थप्पड़ रसीद कर दिया था। विवाद इतना बढ गया था कि हरभजन को पूरे सीजन बाहर रहना पड़ा और श्रीसंत को भी फटकार पडी थी।
साल 2009 में देश से बाहर कराना पडा
आईपीएल के दूसरे संस्करण का आयोजन भारत की धरती पर नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार ने मैच के दौरान सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद खासाा विवाद हुआ। आखिरकार आईपीएल चैयरमेन ललित मोदी ने मैच दक्षिण अफ्रीका में 18 अप्रेल से 24 मई तक कराए।
साल 2010 में निबट गए ललित मोदी
क्रिकेट को आईपीएल के जरिए नया लुक देने वाले ललित मोदी को तब बडा झटका लगा जब आईपीएल बुलंदिया छू रहा था। बीसीसीआई से लेकर खिलाडी तक मालामाल हो गए। इसी बीच मोदी वित्तीय गड़बड़ी के मामले में फंस गए और बीसीसीआई ने उन्हें पद से हटा दिया। मोदी अब भी देश के बाहर है तथा कानून उन्हें भगोडा करार दिया हुआ है।
साल 2011 में शाहररूख ने सौरव को करा बाहर
इंडियल प्रीमियर लीग के चौथे संस्करण में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को टीम में नहीं लिया गया। इसी बात पर बवाल उठ खडा हुआ। इस सत्र में शाहरुख की केकेआर टीम में सौरव गांगुली को शामिल नहीं किया गया था। इससे सौरव के फैन नाराज हो गए और सड़कों पर उतर कर हंगामा शुरू कर दिया। प्रशंसकों ने नो दादा, नो केकेआर का नारा लगाया।
साल 2012 में शाहरूख खान बने विवाद का कारण
इंडियन प्रीमियर लीग के पांचवें सत्र में बॉलीवुड स्टार शाहरूख की बदमिजाजी भारी पडी। हुआ यूं था कि मैच के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में शाहरुख खान का एक सुरक्षा गार्ड से झगड़ा हो गया। विवाद काफी बढ़ा और शाहरुख के 5 साल तक वानखेडे स्टेडियम में प्रवेश पर रोक लगा दी गई।
साल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दाग
इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में छठा सत्र काले इतिहास के रूप में अंकित हो गया। इस सत्र में श्रीसंत सहित तीन खिलाडियों पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा। श्रीसंत को क्रिकेट से बैन कर दिया गया। हालांकि कोर्ट में मामला पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पाक-साफ करार दिया और बीसीसीआई को बैन हटाने के लिए अधिकृत कर दिया। बीसीसीआई ने श्रीसंत का बैन नहीं हटाया और वे अब भी क्रिकेट से और टीम इंडिया से बाहर हैं।
साल 2014 में बीसीसीआई चीफ श्रीनिवासन पर गाज
इंडियन प्रीमियर लीग में बढते विवादों के बाद बीसीसीआई चीफ की कुर्सी जाती रही। एन श्रीनिवासन को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को नई जिम्मेदारी सौंपी गई। गावस्कर को आईपीएल में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने की ज्मिमेदारी मिली।
साल 2015 में रॉबिन उथप्पा और सरफराज में झगडा
इंडियन प्रीमियर लीग का आठवा संस्करण केकेआर के रॉबिन उथप्पा और बैंगलुरू के सरफराज अहमद के बीच हुई झडप के लिए सुर्खियों में रहा। मैच जीतने के बाद बैंगलूरू के खिलाड़ी जश्न मना रहे थे, उसे समय उथप्पा पवेलियन लौट रहे थे। जश्न मनाने के तरीके से सरफराज नाराज हो गए और मौके पर ही उथप्पा और सरफराज के बीच झगड़ा हो गया।उथप्पा ने सरफराज को अपने हद में रहने की नसीहत दे दी।