अजमेर। संन्यास आश्रम के तत्वावधान में पटेल मैदान में आयोजित 9 दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि विधान के साथ संपन्न हुआ। विश्व शांति की कामना और आमजन कल्याण के उद्देश्य से स्थापित मंगल कलश का वितरण भी उपस्थित सैकड़ो श्रद्धालुओं को किया गया।
आश्रम के अधिष्ठाता एवं वेदांताचार्य स्वामी शिवज्योतिषानंद जिज्ञासु के सान्निध्य में आयोजित इस विशाल धार्मिक अनुष्ठान के तहत आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ का आयोजन भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
वृंदावन धाम से आए कथाव्यास स्वामी श्रवणानंद सरस्वती ने ओजस्वी वाणी में बड़े सुंदर शब्दों में श्रीमद् भागवत का श्रमण करवाया।
पटेल मैदान में पिछले 9 दिनों से जारी श्री विष्णु महायज्ञ के समापन के अवसर पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के दूरदराज इलाकों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भागवत श्रद्धा के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर हवन यज्ञ के माध्यम से विश्व कल्याण की कामना की।
स्वामी शिवज्योतिषानंद के सानिध्य में चले इस धार्मिक अनुष्ठान का समापन स्वामी सुदेवानंद और स्वामी बलदेवानंद शास्त्री द्वारा विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। इस दौरान आयोजित धर्मसभा को देश के कई हिस्सों से आए प्रमुख संत विद्वानों ने अपनी ओजस्वी वाणी से संबोधित करते हुए श्री हरि की महिमा और संसार के दुखों के अंत के लिए भगवान का सामिप्य लेने के लिए सभी को आह्वान किया।
श्री विष्णु महायज्ञ के समापन अवसर पर 9 दिन तक पवित्र अग्नि और हवन कुण्डों में आहुतियों के बीच सिद्ध हुए मंगल कलशों के वितरण के दौरान श्रद्धालुओं में कलश लेने की होड़ मच गई।
अनेक सिद्धियों से युक्त इन कलश को लेकर मान्यता है कि अपने घरों में इन्हें विराजमान करने से कोई विपत्ति और बाधा नहीं आती है। स्वामी शिवज्योतिषानंद महाराज ने बताया कि इन कलशों में 7 समुन्द्रों, 7 सरोवरो, 7 जलाशयों सहित देश की लगभग 60 नदियों का जल दिव्य औषधियों के साथ सिद्ध किया गया है।
पर्यावरण चेतना यात्रा का आायोजन
विश्व कल्याण की भावना और जन जीवन के सुखद जीवन की कामना के साथ संपन्न हुए श्रीमद् भागवत कथा एवं श्री विष्णु महायज्ञ के समापन समारोह के दौरान आश्रम की ओर से स्वामी शिवज्योतिषानंद, स्वामी श्रवणानंद सरस्वती, पर्यावरण प्रेमी कम्मूराम विश्नोई के सानिध्य में कथा स्थल से पर्यावरण चेतना यात्रा निकाली गई।
पटेल मैदान से शुरू हुई इस पद यात्रा का अनेक सामाजिक संगठनों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। पदयात्रा की अगुवाई कर रहे संतों ने स्वयं गले में तख्तियां डालकर पर्यावरण की रक्षा के लिए आमजन को आह्वान किया। उनका कहना था कि बहुत जल्द वह समय आने वाला है जब विद्युत कनेक्शन लेने के लिए भी हमें एक पेड़ लगाए जाने का प्रमाण पत्र देना होगा।
स्वामी श्रवणानंद सरस्वती ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा से ही जीवन की रक्षा संभव है। उन्होंने वन्य जीवों के प्रति भी दयाभाव अपनाने की अपील की। पर्यावरण चेतना यात्रा शहर के विभिन्न मार्गाे से होती हुई गंज स्थित सन्यास आश्रम पर संपन्न हुई।
इस मौके पर कोलायत के पूर्व प्रधान गणपत राम खीचड़, किसान नेता हुगमाराम विश्नोई, पूर्व प्रधान भंवरलाल विश्नोई, लोहावट प्रधान भागीरथ बेनीवाल, जिला परिषद सदस्य रावल जाणी, मांगीलाल अज्ञात सहित आश्रम से जुड़े कालीचरण खंडेलवाल, ओमप्रकाश मंगल, रवि अग्रवाल, पंकज खंडेलवाल, शंकर बंसल, किशन बंसल, कंवल प्रकाश किशनानी, दिनेश सोनी, अलका गौड, लेखराज सिंह सहित बड़ी संख्या में आश्रम से जुड़े श्रद्धालु एवं विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।