रिलेशनशिप कितना अनूठा सा शब्द लेकिन अपने आप में न जाने कितने अनुभवों का सागर ,वैसे तो रिलेशनशिप अपने आप में एक अंतहीन विषय है माता -पिता, भाई -बहन, पिता-पुत्र , माता-पुत्री, दोस्त और कभी कभी दुश्मन भी और भी न जाने कौन -कौन से रिश्ते।
लेकिन आज बात हम उस खास रिश्ते की करते है,जो दो अजनबी लोगो के बीच का है,दो लोग जो एक दूसरे से बिलकुल अलग है ,लेकिन फिर भी एक अनूठे रिश्ते में बंधे है।
आज के दौर में रिलेशनशिप एक बेंचमार्क है ,आप अगर 20 इयर्स कॉलेज गोइंग स्टूडेंट है तो आपके लिए रिलेशनशिप एक स्टाइल स्टेटमेंट है, अगर आप 30 ईयरस वर्किंग महिला या पुरष है तो रिलेशनशिप आपके लिए एक जरुरत है। अगर हम किसी व्यक्ति के साथ एक रिश्ते में जुड़ना चाहते है, तो इसका ये अर्थ है, हम उसे उसकी अच्छाइयों बुराइयों के साथ अपनाने को राजी है, फिर चाहे उस राह में हमे कितने ही समझौते क्यों न करने पड़े।
अगर एक रिश्ते को निभाने में अपने अहम् को झुकाना पड़े ,तो ये गलत नहीं लेकिन अगर बात स्वाभिमान की हो ,तो इस्थ्ती कुछ और है| आज जब दो लोगो में मतभेद होते है तो हमारा अहम् इतना महत्वपूर्ण हो जाता है की हम रिश्ता बचाने की कोशिश छोड़ रिश्ता तोड़ने की पहल कर देते है।
क्या रिश्ते को बचाना इतना मुश्किल है? जो बात सीधा अलगाव पे आ जाती है कही ऐसा तो नहीं की हम अपनी प्राथमिकता को समझ नहीं पाने के मुगालते में एक ऐसे रिश्ते की बलि चढ़ा जाते है,जो शायद हमारे लिए भी कुछ खास हो।
जिंदगी की राहे बहोत मुश्किल है और मुश्किल राहो में हमसफर साथ होना चाहिए, जिंदगी की लड़ाई आसान हो जाती है आज के दौर में रिलेशन एक ट्रेड है जिसे सब फॉलो करते है जस्ट लाइक फेसबुक, ट्विटर एंड इंस्टा शादी के पहले लीव – इन में रहना चाहते है।
ताकि एक दूसरे को समझ सके लेकिन शादी के बाद कुछ समझना ही नहीं चाहते रिश्ते को निभाने की कला हमे अपने बड़ो से सीखने की जरुरत है। उनके रिश्तो में भी मतभेद होते होंगे लेकिन उनकी पहल रिश्ता बचाने की होगी इसीलिए उनके ज़माने में रिश्ते सात जनम के होते थे और हमारे समय में एक ही जनम में कई रिश्ते होते है।