आबू रोड। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का 99वां जन्मदिन समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर संस्था में कार्यरत श्रमिकों तथा आस-पास के असहाय लोगों को कम्बल भी बांटे गये।
कान्फ्रेन्स हॉल में आयोजित कार्यक्रम में दादी जानकी ने कहा कि मनुष्य का जीवन हमेशा लोगों के कल्याण के लिए होना चाहिए। ताकि वह दुनिया में कुछ श्रेष्ठ कर्म कर सके। उन्होंने कहा कि आज मुझे यह नहीं महसूस होता कि मैं 99 वर्ष की हूॅं। लगता है जितना शरीर स्वस्थ रहे उतना मैं लोगों की सेवा कर सकूूॅं। लोगों को अपने विवेक और अपने सदव्यहार से लोगों को नशामुक्त और स्वच्छता के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। आज व्यसन बुरी तरह से लोगों पर हावी है।
अतिरिक्त संयुक्त प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी ने कहा कि जब हमे तो बाबा ने बाल्यकाल से ही ईश्वरीय शिक्षा देकर नये समाज और श्रेष्ठ संस्कार धारण करने के लिए प्रेरित किया। जो आज तक चल रहा है। हमें खुशी है कि परमात्मा का ज्ञान आज लाखों लोगों तक पहुंच गया है जिससे बड़ी संख्या में लोगों के जीवन में बदलाव आया है।
बाल्यकाल में ही अपनाया आध्यात्मिकता का रास्ता: दादी जानकी जब तरूणावस्था में ही थी तभी संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्माबाबा के सम्पर्क में आयी और आज तक वह लोगों कों मूल्य और ज्ञाना सींचने का प्रयास कर रही है। विश्व के 140 देशों में फैली संस्था का प्रतिनिधित्व दादी जानकी कर रही है। 99 की उम्र में अन्तर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाली दुनिया की पहली महिला मुख्य प्रशासिका हैं।
बांटे गये कम्बल
दादी के जन्मदिन के अवसर पर दो हजार से भी ज्यादा श्रमिकों तथा आस-पास रहने वाले असहाय लोगों को कम्बल वितरित किये गये। साथ ही लोगों से नशामुक्ति के लिए प्रेरित करते हुए आस-पास की सफाई के साथ मन को भी स्वच्छ रखने की अपील की। सभा में उपस्थित श्रमिकों तथा स्थानीय लोगों से आस-पास को साफ सुथरा रखने तथा नशामुक्त बनाने का संकल्प कराया गया। बड़ी संख्या में आये लोगों ने दादीजी के संकल्पों को पूरा करने का उत्साहवर्धन किया। संस्था के महासचिव बीके निर्वेर, अतिरिक्त महासचिव बीके रमेश, सूचना निदेशक बीके करूणा तथा कार्यक्रम प्रबन्धिका बीके मुन्नी, बीके भूपाल समेत कई देश व विदेश से आये लोगों ने केक काटा तथा उन्हें गुलदस्ते भेंटकर उनके दीर्घायु की कामना की। कम्बल वितरण के दौरान गुजरात जोन की प्रभारी बीके सरला, शांतिवन की कार्यक्रम प्रबन्धिका बीके मुन्नी, मुख्य अभियन्ता बीके भरत, ज्ञानामृत मैगेजिन प्रधान सम्पादक बीके आत्म प्रकाश समेत कई लोग शामिल थे।