जोधपुर। बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार मामले में दायर अभियोजन पक्ष के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को भी फैसला नहीं सुनाया जा सका।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) दलपतसिंह राजपुरोहित के पदोन्नत हो जाने के कारण इस मामले की सुनवाई टल गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।
हालांकि अभियोजन पक्ष के प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों की तरफ से अंतिम बहस पूरी हो गई थी और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस प्रार्थना पत्र पर फैसला सुरक्षित रखा था जो शुक्रवार को सुनाया जाने वाला था।
सीजेएम कोर्ट में हरिण का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर नारायण प्रसाद नेपालिया के खिलाफ दर्ज मामले के दस्तावेज तलब करवाने के लिए ये प्रार्थना पत्र पेश किया गया था।
बीते दिनों मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने के कारण अंतिम बहस नहीं हो पाई थी लेकिन इस बीच अभियोजन अधिकारी भवानीसिंह भाटी ने एक प्रार्थना पत्र पेश किया जिसमें उन्होंने हिरणों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नारायण प्रसाद नेपालिया के खिलाफ लूणी पुलिस थाने में दर्ज मामले के दस्तावेज तलब करने का अनुरोध किया था।
इस प्रार्थना पत्र पर गत बुधवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की अंतिम बहस पूरी हो गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) दलपतसिंह राजपुरोहित ने इस बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा और आगामी सुनवाई के लिए दस मार्च की तारीख दे दी थी।
फैसला सुनाए जाने से पहले ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दलपतसिंह राजपुरोहित पदोन्नत हो गए। वह अब एडीजे पद पर पदोन्नत हुए है। इस कारण शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली सुनवाई के लिए सोलह मार्च की तारीख दी गई है।