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महिलाएं हटा सकती हैं परिवार की गरीबी : अनिता भदेल - Sabguru News
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महिलाएं हटा सकती हैं परिवार की गरीबी : अनिता भदेल

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महिलाएं हटा सकती हैं परिवार की गरीबी : अनिता भदेल
woman and child welfare minister anita bhadel
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woman and child welfare minister anita bhadel

अजमेर। महिलाएं स्वरोजगार के द्वारा परिवार की अतिरिक्त आय का जरिया बनकर गरीबी हटाने में महती भूमिका अदा कर सकती हैं।

यह बात महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने शनिवार को महिला अधिकारिता विभाग तथा फुटवियर डिजाइन एवं डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट जोधुपर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 30 दिवसीय फुटवियर प्रशिक्षण के समापन समारोह में कही।

प्रशिक्षण में 60 महिलाओं ने आधुनिक तकनीक से जूते एवं चप्पल निर्माण कार्य सीखा। उन्होंने कहा कि परिवार की आय बढ़ाने के लिए महिला और पुरूष दोनों को कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना चाहिए। दोनों के कार्य करने से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी। इससे गरीबी हटेगी।

भारत की उत्पादकता बढ़ने से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी और भारत पुनः सोने की चिड़िया बन जाएगा। परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से होने के साथ ही बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। आने वाली पीढ़ी को अच्छे संस्कार एवं शिक्षा मिलने से उत्म समाज का निर्माण होगा।

उन्होंने कहा कि मेहनत और ईमानदारी के साथ कार्य करने से आर्थिक स्वावलम्बन तेजी से आता है। महिलाओं को कार्य करके आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न तरीकों से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त महिलाओं को कम्प्यूटर एवं इंटरनेट का उपयोग व्यवसाय उन्नययन के लिए करना चाहिए।

इंटरनेट के माध्यम से नई तकनीक एवं डिजाइनों को सीखकर कार्य बढ़ाया जा सकता है। भारत सरकार के ई-हाट पोर्टल के माध्यम से विश्व स्तरीय बाजार छोटे निर्माताओं को उपलब्ध करवाया गया है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा अमृता हाट का आयोजन कर उत्पादों की मार्केटिंग करवाई जाती है।

प्रशिक्षण में बने चारों ग्रुपों आशा, उज्ज्वला, निधि एवं महाभारती को अमृता हाट में अपनी स्टाल के द्वारा उत्पादों को बेचने के लिए आना चाहिए। प्रशिक्षण प्राप्त करने से महिलाएं सामग्री का पूर्ण उपयोगकर पाएगी इससे उत्पादित सामग्री का लागत मूल्य कम होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को रिश्ते निभाकर परिवार को खुशहाल और सुखमय बनाने में सहयोग करना चाहिए। सुख और शान्ति धन के माध्यम से प्राप्त नहीं होती है। रिश्तों के द्वारा बनाए गए परिवार असली पूंजी है।

भारतीय संस्कृति व्यक्ति, परिवार, समाज एवं राष्ट्र की अवधारणा पर आधारित है। इस कारण व्यक्तियों में एक दूसरे का सहयोग करने की भावना विद्यमान है। जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए मेडिटेशन एवं योग आवश्यक है।

इस अवसर परफुटवियर डिजाइन एवं डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट जोधपुर के उप प्रबंधक सुलभ श्रीवास्तव, प्रशिक्षण समन्वयक संजीव कुमार, परियोजना समन्वयक महेश सोलंकी, महिला अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र शर्मा, हिरालाल जीनगर, कमल पंवार, सीमा गोस्वामी सहित स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।