नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सबसे प्रभावशाली शख्सियत करार दिया है। इतना ही नहीं चिदंबरम ने कहा कि चुनाव नतीजे राज्यसभा में भाजपा की सीटें बढ़ाएंगी।
चिदंबरम ने इंडियन मर्चेंट चैंबर में शनिवार को कहा कि चुनाव ने स्पष्ट रूप से यह स्थापित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास एक अखिल भारतीय अपील है। हालांकि उन्होंने इस बात का समर्थन नहीं किया कि चुनाव नतीजे नोटबंदी पर जनमत संग्रह हैं।
उन्होंने कहा उच्च सदन में बहुमत होने पर एनडीए सरकार के लिए शेष अवधि में आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए महत्वपूर्ण सुधार शुरू करना संभव होगा। दोनों सदनों में सरकार के पास बहुमत होने पर यह किसी भी विधेयक को पारित करने में सक्षम होगी, क्योंकि राजनीतिक अड़चनें नहीं रहेंगी।
लेकिन असली सुधार के लिए बाजार में सरकार का अनावश्यक हस्तक्षेप रोकना, नौकरशाही का पुनर्गठन और एक नैतिक एवं न्यायसंगत समाज बनाना भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शेष 24-27 महीनों में (सरकार के) हम नए सुधारों की पहचान कर सकते हैं और आर्थिक वृद्धि को तेज कर सकते हैं जो हमे फिर से आठ फीसदी की वृद्धि दर पर ले जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि यूपीए सरकार ने 1991-96 और 2004-14 के बीच संख्या बल के अभाव के बावजूद सुधारों की पेशकश की थी। नोटबंदी पर चिदंबरम ने कहा कि इसे यूपी में भाजपा की जीत से जोड़ना एक बहुत सुविधाजनक निष्कर्ष होगा। कई अन्य कारणों ने भी चुनाव के दौरान भूमिका निभाई और यह नोटबंदी के कदम पर जनमत संग्रह नहीं था।
चिदंबरम ने इन बातों को भी खारिज कर दिया है कि सारे जातीय समीकरण टूट गए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जातीय समीकण हमेशा के लिए मिट गया। वर्ष 1971, 1980 और 1984 में भी ऐसी ही बातें कही गई थी।