इंफाल। कांग्रेस पार्टी द्वारा गोवा में भाजपा सरकार के गठन पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला से मणिपुर में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है।
मतगणना के बाद राज्य में कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 31 विधायकों की सूची कांग्रेस के पास नहीं है। जबकि दूसरे स्थान पर रही भाजपा में राज्यपाल को 32 विधायकों के समर्थन वाली सूची सौंप दी है।
ऐसे में बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी को विपक्ष में बैठना होगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार की देर शाम को भाजपा ने 32 सदस्यों के समर्थन की सूची राज्यपाल डा. नजमा हेपतुल्ला को सौंपी।
जबकि मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह, उप मुख्यमंत्री गाईखांगम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष टीएन पाउकीप ने राज्यपाल से मिलकर बड़ी पार्टी का होने के साथ ही चार अन्य विधायकों का समर्थन होने का दावा किया। लेकिन कांग्रेस को कौन चार विधायक समर्थन दे रहे हैं, उसका उन्होंने जिक्र नहीं किया है।
देर शाम को राज्यपाल ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि पहले मुख्यमंत्री को इस्तीफा दें, उसके बाद वे संविधान के अनुसार क्या सही है उस पर विधिवेत्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर फैसला लेंगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ उसके समर्थक विधायक स्वयं उपस्थित हुए थे, जबकि एनपीएफ ने अपना समर्थन फैक्स के जरिए भाजपा को दिया है।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोवा के संदर्भ में आए फैसले से मणिपुर में भी भाजपा की सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। अब राज्यपाल के फैसले का सभी को इंतजार है।
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