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नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के कहने पर कांग्रेस के खिलाफ तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र किया गया था।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, जनरल वीके सिंह, शांति भूषण, बाबा रामदेव तथा रविशंकर जैसे लोग इस सुनियोजित षडयंत्र में शामिल थे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के लिए विवेकानंद प्रतिष्ठान परिसर का इस्तेमाल किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि अन्ना हजारे का चेहरा सामने रखकर कांग्रेस और संप्रग सरकार के खिलाफ सुनियोजित षडयंत्र चलाया गया। इन लोगों ने अन्ना को भी धोखा दिया और अपमानित किया।
उन्होंने कहा कि इस षडयंत्र से मुख्य राजनीतिक लाभ भारतीय जनता पार्टी को हुआ। प्रतिष्ठान में जो लोग काम कर रहे थे, उन्हें फायदा दिया गया और आज वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तथा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव जैसे पदों पर हैं। पार्टी के महासचिव एवं मीडिया विभाग के प्रमुख अजय माकन ने अलग से संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन को केजरीवाल, बेदी तथा जनरल सिंह जैसे लोगों ने इंडिया अगेंस्ट कांग्रेस आंदोलन बना दिया था। इन लोगों ने आंदोलन में अपने साथियों को हिदायत दी थी कि भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के भ्रष्टाचार के बारे में कुछ नहीं बोला जाए और सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर शोर मचाया जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमालच प्रदेश और पंजाब में भ्रष्टाचार का बोलबाला था लेकिन इनके खिलाफ आंदोलन में कुछ नहीं कहा गया। सिर्फ कांग्रेस सरकारों को भ्रष्टाचार के नाम पर बदनाम किया गया। इस संदर्भ उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता शांति भूषण तथा कुमार विश्वास के हाल के बयानों का उल्लेख किया और उनकी वीडियो तथा अखबारों में छपी क्लीपिंग भी दिखाई। इनमें विश्वास ने बेदी और जनरल सिंह पर आरोप लगाया है कि वे आंदोलन के दौरान भाजपा के खिलाफ नहीं बोलने की बातें करते थे जबकि भूषण ने अपने बयान में केजरीवाल की आलोचना की है।