छींक आने पर हम दूर हो जाते हैं, छींक प्रायः तब आती है जब हमारी नाक के अंदर की झिल्ली किसी बाहरी पदार्थ के घुस जाने से परेशानी महसूस करती है। छींक को एक सामान्य क्रिया माना जाता है। हमारी नाक में म्यूकस झिल्ली होती है जिसके उत्तक (Tissues) और कोशिकायें (Cells) बहुत संवेदनशील होते हैं। आज हम आप को इसके कारण, उपाय बताएँगे। ..
hot news update दुनिया की सबसे लम्बी कारों में से ये बेहतरीन कार जाने इस वीडियो में
सर्दी के कारण छींक (Sneezing in Cold)
जुकाम या एलर्जी वगैरह की वजह से इस झिल्ली में सूजन आ जाती है तो इससे इन उत्तकों (Tissues) और कोशिकाओं Cells) की संवेदनशीलता बढ़ जाती है जिससे हमें छींक आने लगती है।
hot news update जिन्दा ही जला दिया इस मासूम लड़की को
छींक के फायदे (Benefits of Sneezing in Hindi)
छींक प्रतिरोधी तंत्र की प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा है, छींकने से शरीर के हानिकारक रोगाणु (Germs) बाहर निकलते हैं। छींक की क्रिया में छाती, पेट, डॉयफ्राम, गला, वाकतंतु जैसे कई अंग एक साथ काम करते हैं। ये सब अंग बाहरी पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने के लिए एकजुट होकर काम करते हैं।
hot news update इतना प्यार करते थे की मरने के बाद भी अलग नही हुए
छींक के कुछ तथ्य (Facts of Sneezing in Hindi)
छींकते समय हमारे मुंह और नाक से बाहर निकलने वाली हवा की गति एक घंटे में डेढ़ सौ किलोमीटर से भी ज्यादा होती है। यही वजह है कि छींकते समय हमारे पूरे शरीर में एक कंपन-सा होता और आंखें भी बंद हो जाती हैं। सोते समय छींक नहीं आती है क्योंकि उस समय नसें आराम की अवस्था में होती हैं। आपके साथ छींक से जुड़ी नसों को भी आराम मिलता है इसलिए कभी भी नींद के दौरान आपको छींक नहीं आ सकती है। छींक को एक सामान्य क्रिया माना जाता है। छींक प्रायः तब आती है जब हमारी नाक के अंदर की झिल्ली किसी बाहरी पदार्थ के घुस जाने से परेशानी महसूस करती है। हमारी नाक में म्यूकस झिल्ली होती है जिसके उत्तक (Tissues) और कोशिकायें (Cells) बहुत संवेदनशील होते हैं।
hot news update दूल्हे ने फेरों से पहले ही क़र डाला गन्दा काम
सर्दी के कारण छींक (Sneezing in Cold)
जुकाम या एलर्जी वगैरह की वजह से इस झिल्ली में सूजन आ जाती है तो इससे इन उत्तकों (Tissues) और कोशिकाओं Cells) की संवेदनशीलता बढ़ जाती है जिससे हमें छींक आने लगती है।
छींक के फायदे (Benefits of Sneezing in Hindi)
छींक प्रतिरोधी तंत्र की प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा है, छींकने से शरीर के हानिकारक रोगाणु (Germs) बाहर निकलते हैं। छींक की क्रिया में छाती, पेट, डॉयफ्राम, गला, वाकतंतु जैसे कई अंग एक साथ काम करते हैं। ये सब अंग बाहरी पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने के लिए एकजुट होकर काम करते हैं।
छींक के कुछ तथ्य (Facts of Sneezing in Hindi)
छींकते समय हमारे मुंह और नाक से बाहर निकलने वाली हवा की गति एक घंटे में डेढ़ सौ किलोमीटर से भी ज्यादा होती है। यही वजह है कि छींकते समय हमारे पूरे शरीर में एक कंपन-सा होता और आंखें भी बंद हो जाती हैं। सोते समय छींक नहीं आती है क्योंकि उस समय नसें आराम की अवस्था में होती हैं। आपके साथ छींक से जुड़ी नसों को भी आराम मिलता है इसलिए कभी भी नींद के दौरान आपको छींक नहीं आ सकती है।
hot news update सलमान ने करा कैटरीना कैफ को अपनी फिल्म से बाहर
उपचार (Sneezing Treatment)
अधिक छींक से बचने के उपाय (Remedies for Sneezing in Hindi)
छींक शरीर के अंदर के एलर्जेंस को बाहर निकालने में सहायता करता है। छींक कुछ समस्या लेकर आती है जैसे निम्न एकाग्रता, लाल आंखें, नाक बहना, नाकों में खुजलाहट और प्राय: यह बुखार और सिरदर्द का कारण हो सकती है।
घी, गूगल तथा मोम को एक साथ मिलाकर आग में डालें व उसका धुआं निकलने पर धुंआ नाक से खींचे (धूनी लें) तो बार-बार छींक आना शांत हो जाता है।
छींकना (Sneezing), भले ही आपको परेशान करता हो लेकिन, यह वास्तव में आपको कई तरह की एलर्जी से बचाने की स्वभाविक प्रक्रिया है। छींकने से शरीर के अंदर मौजूद कई हानिकारक एलर्जी वाले पदार्थ बाहर निकल|
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और FACEBOOK पर PAGE LIKE कीजिए, और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE