कोयम्बटूर। पश्चिम बंगाल में कुछ अरसे से बढ़ती हुई हिंसा और उसके पीछे के जिहादी तत्वों की गतिविधियों पर चुप्पी साधने वाली बंगाल सरकार की मंशा किसी से छुपी नहीं है। ममता बनर्जी नीत राज्य सरकार किसी भी तरीके से राज्यवासियों की बेहतरी नहीं सोच रही है।
उक्त बातें तमिलनाडु के कोयंबटूर में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभी में चर्चा के दौरान उठी। जिसमें बंगाल सरकार की कड़ी निन्दा करते हुए संघ की तरफ से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल के बर्दवान में हुए बम ब्लास्ट का उल्लेख करते हुए कहा गया की इस गटना की जांच करने के बाद एनआईए ने अपने रिपोर्ट में राज्य में ट्रेरर मॉड्यूल होने का सनसनीखेज बात कही।
इसके बावजूद राज्य सरकार और पुलिस दोनों ही इस विषय पर गंभीरता से काम करते नहीं दिख रहे। इस दौरान, हिंसा व अन्य संदोहात्मक गतिविधियों का व्यौरा देते हुए प्रस्ताव में इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया गया कि राज्य में हिन्दुओं की संख्या 1951 की जनगणना के अनुसार 78.54 प्रतिशत था।
जो 2011 की जनगणना के अनुसार घट कर 70.54 फीसदी रह गया है। गौरतलब है कि इस बीच बांग्लादेश बना और वहां के हिन्दुओं ने भी भारत का ही रुख किया। ऐसे विषयों पर राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इसके अलावा, राम मंदिर बनाने को लेकर प्रतिनिधि सभा में सह सरकार्यवाहक ने कहा कि सभी की सहमति से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा। बतादें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी कहा कि दोनों पक्षों को आपस में बात करके मामला सुलझाने की जरूरत है।