नई दिल्ली। सहारा मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर 17 अप्रेल तक 5092.46 करोड़ रुपए नहीं जमा कराए गए तो एंबी वैली को बेच दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि ये पैसे सहारा सेबी-सहारा अकाउंट में जमा नहीं किए जाएंगे बल्कि ये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अमरीकी कंपनी एमजी कैपिटल को लंदन के न्यूयॉर्क होटल खरीदने के लिए साढ़े सात सौ करोड़ रुपए जमा करने की अनुमति दे दी।
पिछले 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की पेरोल अवधि 17 अप्रेल तक बढ़ा दी थी और सहारा समूह को आदेश दिया था कि वो 17 अप्रेल तक 5092.46 करोड़ रुपये जमा करें।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की इस अर्जी को खारिज कर दिया था कि उसे रकम चुकाने के लिए छह माह का समय दिया जाए। पिछली सुनवाई के दौरान सहारा समूह ने 15 संपत्तियों की सूची कोर्ट को सौंपी थी जो बेचने के लायक हैं।
इस पर सेबी ने कहा कि सूची में जो दो संपत्तियां दी गई हैं उन्हें बेचने की कोशिश की गई थी लेकिन वो नहीं बिके। अब सहारा को खुद ही इसे ई-ऑक्शन के जरिये बेचने की इजाजत दी जाए।
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सहारा इसे बेचे। इसे आप ही ( सेबी ) ही बेचिए। एमिकस क्युरी शेखर नफड़े ने कहा था कि सेबी का जमीन बेचने का अनुभव संतोषजनक नहीं रहा।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को अपनी संपत्ति बेचकर 17 अप्रैल तक 5092.46 करोड़ रुपये जमा करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप कोई भी संपत्ति सर्किल रेट के 90 फीसदी से कम पर नहीं बेच सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर सहारा समूह 10 अप्रेल तक 5092.46 करोड़ रुपये की रकम का अधिकांश जमा कर देता है तो कोर्ट उन्हें संपत्ति बेचने की मियाद बढ़ाने की अनुमति दे सकती है।
आपको बता दें कि छह फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की प्रमुख संपत्ति एंबी वैली को अटैच करने का आदेश दिया था। मुंबई के समीप लोनावाला में स्थित एंबी वैली 39 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बताई जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से उन संपत्तियों की सूची मांगी थी जिन पर कोई कर्ज या मुकदमा नहीं हो और जिन पर बाजार में नीलामी के लिए बोली लगाई जा सके। इसी आदेश के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने 15 संपत्तियों की सूची कोर्ट को सौंपी थी।