लखनऊ। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने बजट सत्र में लोकसभा में दिए अपने अन्तिम भाषण में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज की बेहद तारीफ करने के साथ उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की बात कही।
आदित्यनाथ अभी तक गोरखपुर से सांसद थे। इसके बाद उन्हें बीते दिनों भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ कार्यभार ग्रहण किया था। अब उन्हें छह महीने के अन्दर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना होगा।
इसके लिए अभी से अटकलें लगाई जा रहीं कि आदित्यनाथ जनता के बीच जाकर चुनाव जीतकर विधानसभा जाना पसन्द करेंगे या फिर उच्च सदन के जरिए सरकार का नेतृत्व करेंगे। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा से विधायक विपिन सिंह ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र लिखकर अपनी सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट से त्यागपत्र देने की पेशकश की है। इस पत्र में विधायक ने लिखा है कि अगर आदित्यनाथ योगी इस विधानसभा से चुनाव लड़ते है तो उनको यहां की जनता भारी बहुमत से जीताकर लखनऊ भेजेगी।
विधायक ने कहा है कि उनके साथ पूरे क्षेत्र की जनता और शुभचिन्तकों की इच्छा है कि महन्त आदित्यनाथ गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा से मुख्यमंत्री के रूप में क्षेत्र की रहनुमाई करें। उन्होंने कहा है कि महन्त आदित्यनाथ को लोकसभा की तरह विधानसभा में भी भारी बहुमत से जिताकर भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि आदित्यनाथ योगी गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं। वह सबसे पहले 26 साल की उम्र में 1998 में लोकसभा सांसद बने थे। अब तक योगी आदित्यनाथ 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद चुने जाते आए हैं। उनके इस सीट से इस्तीफा देने के बाद यह भी महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी उपचुनाव में किसे उम्मीदवार बनाएगी।