जालोर/ सांचोर। गणतंत्र दिवस पर सांचोर में जालोर पुलिस के बलात्कार पीडित महिला के साथ किए गए अत्याचार ने आजादी को शर्मसार कर दी हैं। देश के प्रधानमंत्री हरियाणा में बेटी बचाओ आंदोलन की शुरूआत करने के बाद गणतंत्र दिवस पर महिला बटालियन को परेड की कमान सौंपकर महिला सशक्तिकरण का संदेश दे रहे थे तो उन्हीं की पार्टी के शासन वाले राज्य में गणतंत्र दिवस पर बलात्कार पीडिता पर पुलिसिया अत्याचार हो रहा था। राजस्थान के जालोर जिले मे स्थित सांचोर भाजपा सांसद देव जी पटेल का गृह क्षेत्र है, वे जालोर के सांसद भी है । आरोपी भी सांचोर मे भारतीय जनता युवा मोर्चा का ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष बताया जा रहा है । पीडीता का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के कारण आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नही कर रही है।
मामला जालोर जिले के सांचोर का है। यहां एक बलात्कार पीडिता आरोपी की गिरफ्तारी के लिए उपखण्ड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हुई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाय सोमवार को पीड़ित महिला को जबरदस्ती उठाकर चिकित्सालय पहुंचा दिया । दलील यह कि महिला के शरीर में कीटोन की मात्रा बढ गई थी। जिस व्यक्ति पर महिला ने बलात्कार करने का आरोप लगाया है वह उसका रिश्तेदार है और सत्ताधारी भाजपा का स्थानीय नेता भी बताया जा रहा है। आरोपों के बीच ही यह व्यक्ति पुलिस और राजनीतिक सरपरस्ती के कारण हाल ही में हुए पंचायतराज चुनावों में जनप्रतिनिधि बनकर भी काबिज हो गया। शनिवार को सांचोर पुलिस उप अधीक्षक सुनील पंवार के नेतत्व में यह कार्रवाई हुई थी ।
यह तो और भी शर्मनाक
सबसे शर्मनाक बात यह कि इस महिला को जबरन आंदोलन स्थल से उठाने की कार्रवाई में खुद पुलिस उप अधीक्षक और पुरूष पुलिसकर्मी महिला को उठाकर चिकित्सालय पहुंचाने के लिए जोर आजमाइश करते दिखे। नियमानुसार इसके लिए महिला पुलिसकर्मियों को साथ होना चाहिए, लेकिन पुलिस उप अधीक्षक एक महिला पुलिसकर्मी के साथ धरनास्थल पर पहुंच गए और पीडिता व उसकी मां को वहां से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। तस्वीरें बयान कर रही हैं कि किस तरह पुलिस उप अधीक्षक और पुरुष पुलिसकर्मी के जबरन पीडिता को उठाने के दौरान खीचा -तानी में उसके वस्त्र अस्त-व्यस्त हो गए थे। आरोपी ने उसके साथ क्या किया यह जांच की बात है, लेकिन पुलिस उप अधीक्षक समेत पुरुष पुलिसकर्मियों ने जिस तरह से कार्रवाई को अंजाम दिया है उससे पीडिता को सार्वजनिक रूप से जलील करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी। वहां मौजूद पुलिस और प्रसाशन के आला अधिकारीयों को कम से कम मामले की संवेदनशीलता और पीड़ित महिला की गरिमका को तो ध्यान में रखना ही चाहिए था
यह है मामला
सांचोर थाने में 5 दिसम्बर को पीडिता ने एक रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसका चचिया ससुर वासुदेव सैन उसके गांव कार सरपंच पति एवं भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का ग्रामीण मंडल अध्यक्ष है। पीडिता ने आरेाप लगाया कि एक दिन उसके पति और ससुर को अत्यधिक शराब पिलाकर उसके चचिया ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उस दिन के बाद से निरंतर उसके साथ बलात्कार करता आया है। उसने रिपोर्ट में बताया कि अपने पीहर वालों के सहयोग से वह इनके चंगुल से निकली है। इस मामले में न्यायालय के समक्ष 164 के बयान होने के बाद भी जब सांचोर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया तो वह शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के सामने अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ गई। इसके बाद रविवार को पुलिस ने उसे उसके परिवार के साथ धरनास्थल से जबरन उठा लिया। पुलिस अब तक इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की दलील दे रही है। इधर, पीडिता ने यह आरोप भी लगाया कि उसके समाज वालों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। वहीं कुछ लोग सरपंच पति के पक्ष में भी उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपने पहुंचे और उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर चुके।