सबगुरु न्यूज-सिरोही/आबूरोड। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आबूरोड के ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के डायमंड हाॅल में विश्वभर से आए ब्रहमाकुमारी के अनुयाईयों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश की यह खासियत है कि हमने अपने विचार किसी पर नहीं थोपे हैं। उन्होंने कहा कि दादा लेखराज ने जिस संस्थान का शुरू किया था उसके माध्यम से विश्वभर में ब्रहमाकुमारी संस्थान भारत के सांस्कृतिक ज्ञान को फैला रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ने डंके की चोट पर कहा है कि ईश्वर एक है। हमारा सत्य के संबंध मे दृष्टिकोण भी यही है। उन्होंने कहा कि ज्ञान युगों-युगों की संपदा होती है। इससे ही जीवन के सत्य को जान सकते हैं। उन्होंने का कोई भी व्यक्ति, संस्थान या व्यवस्था दस, बीस, तीस साल में विघटन शुरू हो जाता है। गुटबाजी शुरू हो जाती है।
ऐसे में दादा लेखराज ने नारी शक्ति को प्राथमिकता देते हुए जिस आंदोलन की शुरूआत की वह संपूर्ण विश्व में अपने ज्ञान का प्रकाश फैला रही है। उन्होंने कहा कि संस्थान के इस 80 वे स्थापना दिवस को देखकर दादा लेखराज की आत्मा प्रफुल्लित हो रही होगी। उन्होंने कहा कि यहां आए विश्व से आए लोगों के माध्यम से विश्वभर में ज्ञान का प्रकाश फैलेगा।
उन्होने कहा कि 2022 में भारत को आजाद हुए 75 साल हो जाएंगे। स्वतंत्रता के लिए अपनी जान न्योछावर करने वालों के सपनों को साकार करने के लिए संस्थान के हर अनुयाई से पूरी शक्ति लगाने का आह्वान किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण की पैरवी की।
-हजारों अनुयाइयों के माध्यम से योजनाओं के प्रचार प्रसार का आहवान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डायमंड हाॅल में मौजूद हजारों लोगों के माध्यम से डिजिटल टांजेक्शन, रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग, घरो में एलईडी बल्ब के उपयोग, भारत सरकार की इंद्रधनुष योजना के माध्यम से टीकाकरण का प्रचार-प्रसार करने का अभियान शुरू करने का आहवान किया।
उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत को रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि भारत इसे 175 गीगा वाट तक उत्पादन करने का लक्ष्य मानकर चलता है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों ने प्रकृति के दोहन का अधिकार नहीं दिया है। ब्रहमाकुमारी संथान सोलर उर्जा की तरह ही प्रकृति के संरक्षण के कामों को आगे भी जारी रखेगा।
-बताया अस्सी वर्ष का महत्व
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्बोधन में सबसे पहले भारतीय संस्कृति में 80 का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि 80 साल की यात्रा सहस्त्रचंद्र दर्शन का पर्व होता है। संस्थान ने एक हजार पूर्ण चंद्र के दर्शन करने का सौभाग्य पाया हैं, यह सहस्त्र दर्शन बेला का पर्व है।
-पोषण के लिए आॅनलाइन कोर्स शुरू करने का अनुरोध
प्रधानमंत्री ने ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से भारत में एक आॅनलाइन कोर्स शुरू किया जाए। जिसके माध्यम से लोगों को पोषण की शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि आज भारत में लोग दो समय खाना तो पेट भर कर खाते हैं, लेकिन वह यह नहीं जानते कि पोषक खाना क्या है।
उन्होंने कहा कि यदि ब्रहमाकुमारी संस्थान पोषण को लेकर आॅनलाईन सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करता है तो भारत सरकार और राज्य सरकार से इसमें सहयोग करने का अनुरोध करेंगे।
-टाॅर्च जलाकर किया अभिनन्दन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीडियो स्क्रीन पर आते ही डायमंड हाॅल में मौजूद हजारों ब्रहमकुमारी ने अद्भुत तरीके से उनका अभिनन्दन किया। हाॅल में मौजूद सभी अनुयाइयों ने टाॅर्च की जलाकर प्रधानमंत्री को ज्ञान, आध्यात्म, योग, संस्कृति का प्रकाश फैलाने का संदेश दिया। जिसे प्रधानमंत्री ने सराहा।