वेकेंश्न्स शुरु होते ही प्लान बनाते है कि इस बार इस जगह हो एक्सप्लोर किया जाए, उस जगह से जुड़े सभी तथ्यों को भी शॉर्टलिस्ट कर लिया जाता है। लेकिन इन सभी प्लान्स के बीच हमें एक बार बजट पर भी एक नजर डाल लेनी चाहिए। क्योांकि हर ट्रैवलिंग डेस्टिनेश लुभाती तो है, लेकिन इनमें जेब पर काफी भार आता है, क्योंकि छुट्टियों पर जा रहे है तो, पैसे की जरूरत तो पड़ती ही पड़ती है, वह भी थोड़ी बहुत नहीं। ऐसे में ट्रैवल लोन सबसे ईजी है, जहां असानी से फंड मिल जाता है।
देखा जाए तो इन दिनों घर और घर का हर सामान आप ईएमआई ले सकते है, ऐसे में वेकेंशन्स के लिए भी क्यों न लिया जाए। लेकिन इसके लिए पूरा होम वर्क कर लेना चाहिए नहीं तो यह हमारी पॉकेट हलकी करने चक्कर में कहीं पॉकेट पर बोझ और बेमतलब टेंशन न बन जाएंं।
क्या है फंडा
ट्रैवल लोन भी देखा जाए तो एक प्रकार का पर्सनल लोन है, जिसे अमूमन 12 से 48 महीनों में चुकाना होता है। तमाम बैंक और मनी लेंडर्स के पास ट्रैवल के लिए रेडीमेड पैकेज मिलते हैं, लेकिन इसे लेने से पहले जांच-पड़ताल जरूरी है।
रखें बजट का ख्याल
ड्रीम हॉलिडे की प्लानिंग पूरी हो चुकी है, लेकिन बात फंड पर अटकती हैं, तो लोन लेने से पहले यह जरूर देखें कि आपको कितने की जरूरत है? अगर अमाउंट छोटी हो, तो लोन से बेहतर होगा कि आप लो रेट वाले क्रेडिट कार्ड ट्राई करें। इसके इस्तेमाल से एक्सट्रा फ्लेक्सिबिलिटी मिल सकती है। साथ ही अगर लोन लेना ही हो, तो जरूरत से ज्यादा कभी मत लें। बैंक या मनी लेंडर एक सीमा से ज्यादा रकम लेने पर ट्रैवल इंश्योरेंस पर डिस्काउंट आदि का ऑफर दे सकते हैं। लेकिन ज्यादा लोन पर लगने वाला ब्याज ज्यादा बैठ जाएगा।
लोन बाजार कि पूरी जानकारी लें
अक्सर आपको ट्रैवल एजेंट्स भी हॉलिडे पैकेज लेने पर फाइनैंस की सुविधा देने की पेशकश करते हैं। उनसे मिलने वाले लोन पर ब्याज सामान्य बैंकों आदि की तुलना में ज्यादा हो सकता है। इतना ही नहीं, प्रोसेसिंग फीस भी ज्यादा चुकानी पड़ सकती है और लोन की शर्तें कड़ी हो सकती हैं। इसलिए इस तरह का कोई फैसला लेने से पहले ठीक तरह होम वर्क करें और पता कर लें कि मार्केट में क्या चल रहा है।
जब कभी ट्रैवल के लिए लोन लेने की जरूरत पड़े, आप सिर्फ इंट्रेस्ट रेट न देखें। अपने बैंकर से यह जानें कि आखिरकार कुल कितनी रकम (टीएआर-टोटल अमाउंट रिपेएबल) लौटानी होगी। टीएआर में इंट्रेस्ट रेट के साथ-साथ अन्य चार्ज भी शामिल होते हैं। इसी से आप अपने विभिन्न सोर्स के बीच तुलना कर देख सकते हैं कि कहां से लोन लेना सस्ता होगा। क्या आप जहां से लोन ले रहे हैं, वहां रिपेमेंट हॉलिडे (पेमेंट में ब्रेक) जरूरी शर्तों में तो नहीं है?
ऐसा होने पर आपको यह तो लगेगा कि आप ईएमआई देने से बच रहे हैं, लेकिन दूसरा तरफ लंबी अवधि में इसका नुकसान हो सकता है। साथ ही लोन लेते वक्त प्रीपेमेंट चार्ज का भी पता कर लें। ऐसा न हो कि समय से पहले लोन चुकाने पर उलटा आपको अलग से चार्ज भी भरना पड़े। बहुत सारे बैंक प्रीपेमेंट या निर्धारित समय से पहले पेमेंट पर चार्ज लगाते हैं। इसलिए आप वैसे बैंक या सोर्स से ही लोन लें, जो आपको निर्धारित समय से पहले लोन चुकाने की छूट दे। प्रीपेमेंट चार्ज बैंकों के अलग-अलग हो सकते हैं। यह भी देखें कि सबसे कम प्रीपेमेंट चार्ज कौन ले रहा है?
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