एग्जाम के दिनों में टेंशन और हड़बड़ाहटी के चक्कर में अमुमन बच्चों से सामान्य गलतियां होती हैं। इन से परेशान होने के बजाए, हमें आराम सें और ध्यान से प्रश्नों को पढ़ना चाहिए। साथ ही कुछ एग्जाम टिप्स ध्यान में रखनें चाहिए।
पढ़ें संयम से
एग्जाम में स्टूडेंट्स कई बार जल्दबाजी में क्वेस्चन पेपर ध्यान से नही पढ़ने से परेशानी होती हैं। क्योंकि कई बार पेपर में दिए जाने वाले प्रश्नों में फेरबदल कर दिया जाता हैं। और बच्चें जल्दबाजी में भूल कर बठैते हैं। जबकि क्वेस्चन पेपर पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय ही दिया जाता, इसलिए इस समय का पूरा उपयोग कीजिए। जब आप पूरा क्वेस्चन पेपर समझ लेंगे तब आप यह तय कर सकेंगे कि आपको पेपर लिखने के लिए अपने विचारों और समय को किस तरह मैनेज करना हैं।
समय का सदुपयोग
बोर्ड परीक्षाओं में टाइम मैनेजमेंट मायने रखता है। सवाल कितने अंक का है और उसमें कितना लिखना है, इसी आधार पर प्रश्नों के लिए समय बांटे। कोशिश करे कि किसी भी सवाल पर जरूरत से ज्यादा समय न लगे। साथ ही जवाब लिखते समय वर्ड लिमिट और टाइम लिमिट को फॉलो करें। पेपर पढ़ते समय ही यह तय करें कि किस प्रश्न या खंड को कितनी समय देना हैं।
बनाए क्रम
सामान्यता स्टूडेंट्स क्वेश्चंस के आंसर बिना प्लानिंग या ऑर्डर के लिखते हैं । ऐसे में पेपर लिखने में अफरातफरी झलकती है जिसका एग्जामिनर पर निगेटिव इम्पैक्ट होता हैं। साथ ही उत्तर लंबा लिखने के चक्कर में महत्वपूर्ण पॉइंट्स बाद में लिखते हैं। जबकि उत्तर लिखते समय कोशिश करिए कि महत्वपूर्ण कंटेंट पहले आए। साथ ही थोड़ी-थोड़ी देर में आंसर का रिव्यू करे।
न्यूमेरिकल डेटा पर दे ध्यान
अमूमन हर स्टूडेंट न्यूमेरिकल में गलती करता है। न्यूमेरिकल क्वेश्चंस उतारते समय सवालों से न्यूमेरिकल वैल्यू कॉपी तक आते-आते बदल जाती है। कहीं 4 को 9 पढ लिया तो कहीं 6 को 8। सवाल सॉल्व करने का पूरा तरीका आते हुए भी आंसर गलत हो जाता है। इसलिए न्यूमैरिकल वैल्यू रीचेक जरूर कर लें।