बीजिंग। चीन ने आज भारत को चेताया कि अगर उसने तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा की इजाजत दी तो द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर क्षति हो सकती है तथा नई दिल्ली को भूमिका तय करनी चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश का दौरा करने की इजाजत देने के फैसेले को लेकर चिंतित है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने दलाई लामा के आगामी अरूणाचल दौरे के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा कि हम इस खबर को लेकर चिंतित हैं। चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से पर चीन का स्पष्ट और सतत रूख है। चीन ने दावा किया कि अरूणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है।
लू ने कहा कि दलाई गुट का अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहने का निंदाजनक रिकॉर्ड है। भारत को दलाई गुट के असली व्यवहार को लेकर बहुत स्पष्ट होना चाहिए।
अगर भारत दलाई लामा को इस क्षेत्र में यात्रा करने के लिए आमंत्रित करता है तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर क्षति पहुंचेगी। दलाई लामा चार से 13 अप्रेल तक अरूणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे।
इस महीने में दूसरी बार है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने दलाई लामा की इस प्रस्तावित यात्रा को लेकर आपत्ति जताई है।
बीते तीन मार्च को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि चीन इस सूचना को लेकर बहुत चिंतित है कि भारत ने दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश का दौरा करने की इजाजत दी है।
चीन ने पिछले साल उस वक्त भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया था जब नई दिल्ली ने दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश का दौरा करने को स्वीकृति प्रदान की थी।