नई दिल्ली। नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने आज यह कहा।
स्टैंडर्ड एंड पुअर्स :एस एंड पी: ने कहा कि भारत पर नोटबंदी का प्रभाव कम हो रहा है और अर्थव्यवस्था की वृद्धि बड़ी राशि की मुद्रा पर रोक से पहले की अवस्था में लौटाने की पूरी संभावना है।
ये सब दो तिमाही का मामला है। इसका मतलब है कि चीजें 2017 के मध्य तक साफ हो जाएंगी। भारत ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर पाबंदी लगा दी थी और लोगों से इन नोटों को बैंकों में जमा कराने को कहा था।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले महीने अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। पूरे वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं पर अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इन देशों ने 2017 में ठोस शुरूआत की और तीन बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों भारत, चीन और जापान में कई उल्लेखनीय राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं जो आधार रेखा और जोखिम परिदृश्य को आकार देंगी।
इसमें भारत में सत्तारूढ़ दल की प्रमुख राज्य में जीत, जापान के प्रधानमंत्री का पार्टी प्रमुख के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिये नामांकन शामिल हैं।
एस एंड पी ने 2017 के लिए चीन और जापान की वृद्धि दर क्रमश: 6.4 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।