मुंबई। पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन का मानना है कि आईपीएल फ्रेंचाइजी का हिस्सा नहीं होने के कारण भारत के शीर्ष बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को काउंटी क्रिकेट में खेलना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें भविष्य के विदेशी दौरों में उछाल और मूव करने वाली गेंदों को खेलने में मदद मिलेगी।
अजहर ने कहा कि मैं चाहूंगा कि जो खिलाड़ी, विशेषकर पुजारा, आईपीएल में नहीं खेल रहे हैं उन्हें इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलनी चाहिए। पुजारा को विशेषकर अप्रेल और मई में विभिन्न तरह के विकेटों पर खेलने का मौका मिलेगा जिससे उन्हें अच्छा अनुभव हासिल होगा।
उन्होंने कहा कि इसका उन्हें तब फायदा मिलेगा जब वह इंग्लैंड या अन्य देशों के दौरे पर जाएंगे जहां गेंद मूव करती है और उसमें उछाल होती है।
यह पूर्व कलात्मक बल्लेबाज क्रिकेट क्लब आफ इंडिया में पहले ‘राजसिंह डूंगरपुर मेमोरियल स्प्रिट आफ क्रिकेट लेक्चरÓ में पूर्व टेस्ट खिलाड़ी यजुवेंद्र सिंह को सुनने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
अजहर ने पूर्व बीसीसीआई और सीसीआई अध्यक्ष राजसिंह को बेजोड़ इंसान और अपने लिए पिता जैसा करार दिया। अजहर को तब भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया जब राजसिंह भारतीय चयन समिति के अध्यक्ष थे।
अजहर ने चोटिल भारतीय खिलाडिय़ों के आईपीएल दस से हटने के फैसले को सही करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर वे फिट नहीं हैं तो फिर उन्हें खेलने की जरूरत नहीं है। हर किसी को अपना फिटनेस स्तर पता होना चाहिए।
उन्होंने इसके साथ ही सौरव गांगुली के इस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वर्तमान कप्तान विराट कोहली का मैदान पर भावनाएं व्यक्त करने से आस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई श्रृंखला में उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई।
अजहर ने कहा कि मैं इससे गांगुली के बयान से सहमत हूं लेकिन वह इसी तरह से खेलता है। गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वेबसाइट पर लिखा था, ‘आस्ट्रेलिया के खिलाफ शायद वह कोहली जीत के लिए इतना बेताब था कि उस पर भावनाएं हावी हो गई और इससे उसकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई। इससे विराट को सीख मिलेगी। वह असाधारण प्रतिभा का धनी है। उम्मीद है कि शांतचित रहेगा और फिर से बड़ी पारियां खेलेगा।
हैदराबाद क्रिकेट के संघ के हुए चुनावों के बारे में अजहर ने कहा कि चुनाव न्यायाधीश लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के अनुसार नहीं कराए गए। अजहर ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है हालांकि मैं अदालत के फैसले का पूरा सम्मान करता हूं। लेकिन मेरी निजी राय है कि जब चुनाव कराए गए तब लोढा पैनल की सिफारिशों का अनुसरण नहीं किया गया।
अजहर ने भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था लेकिन चुनाव अधिकारी के राजीव रेड्डी ने उसे नामंजूर कर दिया था।