गाजियाबाद। निठारी कांड के फांसी की सजा पाए दोषी सुरेन्द्र कोली से करीब आठ साल बाद रविवार को उसकी पत्नी मिली, उसके दो बच्चे तथा गांव का सरपंच भी डासना जेल मिलने आए।
करीब ३० मिनट की इस मुलाकात के दौरान कोली की आंखों से आंसू छलक पड़े। इससे पहले उसकी मां भी उससे मिलने आई थी तब वह मेरठ जेल में था। कोली को करीब आठ साल बाद अपनी पत्नी और बच्चों से मिलना नसीब हुआ था।
जेल सूत्रों के अनुसार पत्नी और बच्चों को देखते ही वह फूटफूटकर रोने लगा। उसने सबको गले लगाया। सबकी आंखों से आंसू बह रहे थे।…
मालूम हो कि कोली को फांसी की तारीख तय हो जाने के बाद ४ सितम्बर को मेरठ के चौधरी चरण सिंह जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसे ८ सितंबर को फंदे से लटकाया जाना था। इसी दौरान ७ सितंबर की रात को सुप्रीमकोर्ट ने आधी रात को उसकी फांसी पर रोक लगा दी। बाद में सुनवाई हुई तथा फांसी पर आगामी २९ अक्टूबर तक रोक बढ़ा दी गई। फांसी पर रोक के बाद उसे वापस डासना जेल शिफ्ट कर दिया गया। निठारी कांड के अब तक ५ मामलों में फैसला आ चुका है तथा सीबीआई कोर्ट ने उसे सजा ए मौत दी, बाकी मामलों में सुनवाई जारी है।
फिलहाल दिल्ली में रह रही कोली की पत्नी ने अपने पति से मिलने के बाद कहा कि अगर उसका पति दोषी है तो बेशक उसे फांसी पर चढ़ा दो, मेरे सामने ही उसे फांसी दे दो। उसका कहना था कि कोली ने उसे बताया था कि मामले में आरोपी रहे मोहिंदर पंढेर ने उससे सारा दोष खुद पर लेने को कहा था और भरोसा दिलाया था कि वह बाद में उसे छुड़ा लेगा।
कोली की पत्नी ने कहाकि वह तीन माह पहले ही दिल्ली आई थी। दिल्ली में ३ हजार रुपए में काम करती है तथा बच्चों को पढ़ा लिखा रही है। जब सुप्रीमकोट ने उसके पति की फांसी की सुनवाई टाल दी तो लगा कि भगवान उनकी अब मदद कर रहा है। यही सोच कर मैं भी सामने आ गई। मैं खुद पति से मिलकर सच्चाई जानना चाहती थी।