मियामी। भारत की सानिया मिर्जा और उनकी चेक जोड़ीदार बारबोरा स्ट्राइकोवा यहां मियामी ओपन टेनिस टूनार्मेंट के फाइनल में गेब्रिएला डाबरोवस्की और जू यिफान की जोड़ी के हाथों लगातार सेटों में 4-6 3-6 से मुकाबला हारने के कारण महिला युगल खिताब से चूक गईं।
टूर्नामेंट में तीसरी वरीयता प्राप्त भारतीय-चेक जोड़ी बेहतरीन प्रदर्शन के साथ फाइनल में पहुंची थी लेकिन वह खिताबी मुकाबले में गैर वरीय खिलाडियों से उलटफेर का शिकार हो गईं।
इससे पहले सिडनी इंटरनेशनल में उपविजेता रहीं सानिया-बारबोरा के लिये यह इस सत्र का दूसरा फाइनल था जहां वे खिताब से चूक गईं। सानिया ने लेकिन ब्रिसबेन इंटरनेशनल में अमरीका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ खिताब जीता था।
सानिया-बारबोरा ने सेमीफाइनल में अपनी पूर्व जोड़ीदार मार्टिना हिंगस और चान युंग-जान की जोड़ी को तीन सेटों के कड़े संघर्ष में 6-7, 6-1,10-4 से हराकर फाइनल में स्थान पक्का किया था। लेकिन वे फाइनल में अपनी लय को बरकरार नहीं रख सकीं।
दूसरी ओर कनाडाई खिलाड़ी डाबरोवस्की ने अपने सत्र की शुरूआत मिशेला क्राजिसेक के साथ की थी लेकिन चोट के कारण उन्हें नयी जोड़ीदार शू के साथ उतरना पड़ा।
दोनों खिलाड़ी इससे पहले एक साथ जोड़ीदार या विपक्षी के रूप में नहीं खेली थीं। लेकिन उन्होंने पारीबास ओपन में एक साथ अभ्यास किया और मियामी ओपन में खिताब ले उड़ीं।
गैर वरीय डाबरोवस्की और शू की जोड़ी ने फाइनल तक पहुंचने के लिए आठवीं सीड एबिगाली स्पीयर्स-कैटरीना श्रीबोटनिक, दूसरी सीड एकातेरिना माकारोवा-एलीना वेस्नीना, चौथी सीड आंद्रिया लावाकोवा-पेंग शुआई और तीसरी सीड सानिया -बारबोरा की वरीय जोडियों को हराकर खिताब पर कब्जा किया।
डाबरोवस्की और शू ने मैच में पहले गेम में पिछडऩे के बाद अगले नौ गेम में से आठ जीतकर 4-1 से बढ़त बनाई और इसी लय को दोनों सेटों में बरकरार रखते हुए अपना-अपना पहला प्रीमियर मैंडेटरी खिताब जीता।
दोनों खिलाड़यिों ने इस टूर्नामेंट के लिए जोड़ी बनाई थी और उम्मीद की जा रही है कि एक साथ मियामी में करियर का अहम खिताब जीतने के बाद दोनों फिर से साथ आने के बारे में विचार करें।
वर्ष 2016 अगस्त में सानिया ने अपनी जोड़ीदार स्विटजरलैंड की हिंगिस के साथ अलग होने की घोषणा की और बारबोरा के साथ जोड़ी बनाई थी। दोनों खिलाडियों ने एक साथ सिनसिनाटी मास्टर्स में अपना पहला खिताब जीता।