जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर एक बार फिर राम नाम की महिमा के अलौकिक स्वरूप का गवाह बनने जा रही है। करीब 5 साल बाद गोविंददेवजी मंदिर में एक बार फिर 52 अरब हस्तलिखित राम नामों की महापरिक्रमा रूपी कुंभ का आयोजन हो रहा है। मंदिर परिसर के सतसंग भवन में 9 अप्रेल से 19 अप्रेल तक रामभक्त रामनाम महामंत्रों की परिक्रमा कर सकेंगे।
मालूम हो कि इससे पहले वर्ष 2007 में और साल 2012 में भी जयपुर में हस्तलिखित रामनाम महामंत्रों की परिक्रमा का भव्य आयोजन हो चुका है।
ठा श्रीगोविंददेव जी की अनुकंपा तथा महंत अंजन कुमार गोस्वामी व मानस गोस्वामी की प्रेरणा एवं त्रिवेणीधाम के पीठाधीश्वर संत नारायण दास महाराज के आशीर्वाद, भीलवाडा आसींद के महंत केशवदास शास्त्री के सान्निध्य में त्रिवेणी धाम सेवा समिति के सहयोग से जयपुर में एक बार फिर हस्तलिखित रामनाम महामंत्रों की महापरिक्रमा का योग जयपुर में बना है। श्रद्धालू प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक परिक्रमा का लाभ ले सकेंगे।
रामनाम धन संग्रह बैंक अजमेर अन्तर्गत मानवसेवा मंगल न्यास की ओर से संचाालित इस प्रकल्प के जरिए हस्तलिखित राम नाम लेखन का संग्रहण वर्ष 1987 से अनवरत किया जा रहा है। समय समय पर धर्मप्रेमी बंधुओं की ओर से देश के विभिन्न भागों में इन रामनाम महामंत्रों की परिक्रमा का आयोजन होता रहता है।
रामनाम परिक्रमा समारोह की आयोजक त्रिवेणीधाम सत्संग समिति के अनुसार परिक्रमा स्थल पर श्रद्धालुओं को संतों के प्रवचन और रामनाम की महिमा के व्याखान होंगे। सुबह 6 बजे आरती के साथ परिक्रमा की शुरुआत होगी, शाम 7 बजे महाआरती होगी तथा परिक्रमा रात 9 बजे तक की जा सकेगी। परिक्रमा स्थल पर प्रतिदिन भव्य राम दरबार की झांकिया सजाई जाएंगी। भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र और प्रेरणा देने वाले संदेश समूचे पांडाल में लगाए जाएंगे।
त्रिवेणीधाम के पीठाधीश्वर के आशीर्वाद से होगी शुरुआत
9 अप्रेल को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर त्रिवेणीधाम के पीठाधीश्वर संत नारायण दास महाराज रामनाम महापरिक्रमा की विशेष आरती के साथ विधिवत शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर गोविंददेवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी, संतगण, समाजसेवी, धर्मप्रेमी व रामभक्त मौजूद रहेंगे। आरती के बाद श्रद्धालू परिक्रमा का लाभ ले सकेंगे।
परिक्रमा स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
गर्मी को देखते हुए परिक्रमा स्थल पर आने वाले भक्तगणों, माताओं, बहनों और बच्चों के लिए शीतल जल, छायादार जगह, चिकित्सा आदि की सुविधा रहेगी। प्रदेश के दूर दराज व देश के विभिन्न शहरों से आने वाले रामभक्तों के ठहरने के लिए भी व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना होगा।
परिक्रमा स्थल पर मिलेंगी निशुल्क रामनाम पुस्तिकाएं
जो भक्तगण रामनाम लेखन में रुचि रखते हैं उन्हें परिक्रमा स्थल पर ही रिक्त पुस्तिकाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए विशेष काउंटर लगाया जाएगा। पूर्णरूप से भरी पुस्तिओं को भी जमा करने की व्यवस्था रहेगी। इसके लिए रामनाम धन संग्रह बैंक के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।