वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की ओर से लाए गए भूमि अधिग्रहण बिल के माध्यम से भूमि अधिग्रहित किये जाने का विरोध उन्हीं के लोकसभा क्षेत्र में शुरू हो गया है।सोमवार को रोहनिया थाना क्षेत्र के राजातालाब और आसपास की भूमि को अधिग्रहित करने के विरोध में किसान लामबंद हुअए और हजारों की संख्या में मेहंदीगंज मोड पर धरने पर बैठ गए। इन किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से ज्ञापन भी भेजा गया।
भूमि अधिग्रहण के विरोध में सवेरे से ही सैंकडों की तादाद में दूरदराज से महिला व पुरुष एकत्रित मेहदीगंज मोड के निकट एकत्रित होने लगे थे। यहां से वह जुलूस के रूप में राजातालाब के ब्लाॅक मुख्यालय पर पहुंचे।
इस धरना में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार की ओर से पारित भूमि अधिग्रहण बिल को किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि इससे खेती और किसानी दोनों बुरी तरह प्रभावित होंगे। इन लोगों का आरोप था कि सरकार कार्पोरेट घरानों के इशारे पर काम करते हुए किसानों को भूमिहीन करने पर तुली है। यह आरोप भी लगाया कि इसमें मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना को कमजोर करने पर भी काम चल रहा है। धरने में वक्ताओं ने देश के स्वास्थ्य बजट में 6000 करोड रुपये की कटौती के प्रस्ताव की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि इससे देश में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होंगी। धरने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से राजातालाब के उप जिलाधिकारी को छह सूत्री मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया। डा. संदीप पाण्डेय, अरविन्द मूर्ति, वल्लभाचार्य पाण्डेय, नंदलाल मास्टर, जागृति राही, सुरेश राठौर, वीरेंदर यादव, विवेक यादव, राधे रमण मिश्र, नाजमा, योगी राज, अनीता, सुदामा, बदामा, महेद्र राठोर, मुकेश प्रधान आदि शामिल थे।