नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर वह जासूसी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल करता है, तो इसके गंभीर नतीजे होंगे।
वहीं, पाकिस्तान ने फांसी की सजा को न्यायोचित करार दिया है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को फांसी की सजा सुनाने के एक दिन बाद यह मुद्दा संसद से सड़क तक गूंजा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि भारत सरकार और यहां के लोग कानून, न्याय के बुनियादी नियमों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का उल्लंघन कर एक निर्दोष भारतीय को पाकिस्तान में मृत्युदंड दिए जाने की संभावना को बहुत ही गंभीरता से देखेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान सरकार को चेताते हुए कहना चाहती हूं कि वह इस बात पर विचार कर ले कि यदि मौत की सजा पर अमल हुआ, तो इसके द्विपक्षीय संबंध पर कैसे असर होंगे।
मंत्री ने भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि जाधव पर झूठा मुकदमा चलाया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का उद्देश्य भारत में उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे से दुनिया का ध्यान भटकाना है।
सुषमा ने कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, सिवाय इस बात को मानने के कि अगर उन्हें फांसी दी गई, तो यह एक सुनियोजित हत्या का कृत्य होगा। उन्होंने कहा कि जाधव को बचाने के लिए हर तरकीब पर अमल किया जाएगा।
जाधव को कथित तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी तथा विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान के माशकेल इलाके में गिरफ्तार किया गया था।
सुषमा ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत में अपील करेगी और ‘देश के बेटे’ को बचाने के लिए वहां के राष्ट्रपति के समक्ष याचिका देगी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाधव को न्याय दिलाने के लिए नई दिल्ली जरूरत के अनुसार सबकुछ करेगी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इस कृत्य की हम निंदा करते हैं। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहूंगा कि जाधव को न्याय दिलाने के लिए जो भी करने की जरूरत होगी, हम करेंगे।
सिंह ने पाकिस्तान पर जाधव को सजा सुनाने में ‘कानून व न्याय के मानदंडों’ को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव के पास से वैध भारतीय पासपोर्ट मिला। अगर उनके पास वैध पासपोर्ट था, फिर वह जासूस कैसे हो सकता है?
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार से एक मजबूत वकील को नियुक्त करने की अपील की, जो पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत में जाधव का केस लड़ सके।
वहीं, पाकिस्तान ने मृत्युदंड को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि वह बाहरी आक्रमण से खुद की रक्षा करने में सक्षम है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि हम अपनी संप्रभुता का बचाव करने तथा हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करने में बेपरवाह नहीं रह सकते।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत की चेतावनी की ओर इशारा करते हुए सीनेट में कहा कि पाकिस्तान इस तरह के तत्वों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
आसिफ ने कहा कि हम हर कीमत पर अपने देश की रक्षा करेंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जाधव के मुकदमे में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान की निंदा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जो कर रहा है, वह केवल भारत का अपमान ही नहीं है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों व अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का अपमान है, जिससे हर कोई प्रभावित होता है।
थरूर ने लोकसभा में कहा कि कुछ देश हैं, जो पाकिस्तानी सेना को हथियार व वित्तीय मदद देते हैं। उन देशों को यह अवगत करा देना जाना चाहिए कि अगर आज यह एक भारतीय नागरिक के साथ हो सकता है, तो कल यह उनके नागरिकों के साथ भी हो सकता है।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगर पाकिस्तान जाधव को फांसी देता है, तो भारत को बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देनी चाहिए।
इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के समर्थकों ने पाकिस्तान की निंदा करने तथा जाधव को तत्काल रिहा करने को लेकर मुंबई में एक जुलूस निकाला।
पाकिस्तान विरोधी नारे लिखी तख्तियां व बैनर लिए मनसे के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कहा कि जाधव बेकसूर है।
भारतीय फिल्म उद्योग ने भी पाकिस्तान की निंदा की। दिग्गज कलाकार ऋषि कपूर ने कहा कि माफ कीजिएगा, भारत ने कलाकारों, फिल्मों, खेलों इत्यादि के माध्यम से पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध की वकालत की, लेकिन वह केवल नफरत चाहता है। तो ऐसा ही कीजिए! ताली दो हाथ से बजती है।
वहीं, गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने कहा कि भारत में हर पाकिस्तानी को पेड़ से लटकाकर फांसी दे दो।