जयपुर। जयपुर की एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने अजमेर दरगाह बम विस्फोट प्रकरण में शिकायतकर्ता सरवर चिश्ती का पक्ष जानने के लिए सोमवार को नोटिस जारी किया है।
एनआईए के अधिवक्ता अश्वनी भगत ने बताया कि एनआईए की ओर से न्यायाधीश दिनेश चंन्द गुप्ता की अदालत में पेश की गई इन्द्रेश कुमार आरएसएस पदाधिकारी, साध्वी प्रज्ञा, रमेश मालवंरकर और राजेन् के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट पर अन्तिम निर्णय लेने से पहले शिकायतकर्ता सरवर चिश्ती का पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रेल को होगी।
उन्होंने बताया कि न्यायालय ने इस मामले में फरार चल रहे रामचंद इन्दौर और सुरेश नायर कौझीकोड के मामले मेंं इन्दौर और कोझीकोड के जिला कलेक्टर तथा कोझीकोड के मुख्य सचिव को आरोपियों की सम्पति जब्त करने के मामले में दिए गए आदेश के मामले में जानकारी नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए एनआईए को कहा है कि वेेेे न्यायालय की नाराजगी सेेेे जिला कलेक्टर और मुख्य सचिव को अवगत करवाए।
एनआईए ने इस मामले में आरोपी रमेश गोविल और जयंति भाई जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण न्यायालय में पेश किया है।
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2007 को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाकें में तीन व्यक्ति मारे गए थे और पंह अन्य घायल हुए थे।
न्यायालय इस मामले में दोषी भावेश पटेल 39 और देवेेन् गुप्ता 41 को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने से दंडित किया है जबकि स्वामी असीमानंद, हर्षद सौलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा, मेहुल कुमार, भरत भाई को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर चुकी है।