नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने बुधवार को 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत अन्य के खिलाफ अपराधिक साजिश का मामला चलाया जाएगा।
न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष और न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन की सदस्यता वाली पीठ ने अपराधिक साजिश के मामले को बहाल करते हुए, साथ ही मामले को रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया।
न्यायाधीश नरीमन ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कल्याण सिंह पर राजस्थान के राज्यपाल होने के नाते अभी मुकदमा नहीं चलेगा, लेकिन इस पद से मुक्त होते ही उनके खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाएगा।
अदालत ने साथ ही कहा कि लखनऊ की अदालत आडवाणी व अन्य के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई नए सिरे से नहीं होगी और मामले की सुनवाई पूरी होने तक न्यायाधीश का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
शीर्ष न्यायालय ने मामले की सुनवाई दो साल के भीतर पूरी करने का आदेश देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर होगी और सामान्य स्थिति में सुनवाई टाली नहीं जाएगी। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपराधिक साजिश के आरोप रद्द कर दिए थे।
मालूम हो कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और अन्य याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठ भाजपा नेताओं व विश्व हिंदू परिषद नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोपों की बहाली की मांग वाली याचिका पर न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष और न्यायाधीश रोहिटन फली नरीमन की पीठ ने छह अप्रेल को आदेश सुरक्षित रख लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मई 2010 में नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोपों को खारिज करने के बाद सीबीआई ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
आडवाणी व जोशी के साथ उमा भारती व विनय कटियार (भाजपा), साध्वी ऋतंभरा, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया (विहिप) ने 6 दिसंबर, 1992 को मस्जिद गिराए जाने से पहले रामकथा कुंज के मंच से भाषण दिया था। यह स्थल विवादित मस्जिद से 200 मीटर की दूरी पर था।
किशोर और सिंघल का निधन हो चुका है। शीर्ष अदालत ने छह अप्रेल को आदेश सुरक्षित रखने से पहले संकेत दिया कि जहां तक साजिश के आरोपों का सवाल है तो संविधान के अनुच्छेद 142 से असाधारण शक्तियां लिया जा सकता है और इस मुकदमे को रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित किया जा सकता है, ताकि आडवाणी और जोशी सहित आठ नेताओं के साथ ही 13 अन्य लोगों पर साजिश के आरोपों में मुकदमा चलाया जा सके।
आडवाणी और जोशी ने शीर्ष अदालत के मुकदमा लखनऊ स्थानांतरित करने और अनुच्छेद 142 से साजिश के आरोपों की बहाली के लिए सहारा लेने का विरोध किया था।
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