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घटिया भोजन के खिलाफ आवाज उठाने वाला BSF जवान तेज बहादुर बर्खास्त - Sabguru News
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घटिया भोजन के खिलाफ आवाज उठाने वाला BSF जवान तेज बहादुर बर्खास्त

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घटिया भोजन के खिलाफ आवाज उठाने वाला BSF जवान तेज बहादुर बर्खास्त
BSF jawan tej bahadur yadav dismissed from service
BSF jawan tej bahadur yadav dismissed from service
BSF jawan tej bahadur yadav dismissed from service

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को ‘घटिया भोजन’ देने का दावा करने वाले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस फैसले के खिलाफ अदालत में अपील करने के लिए जवान के पास तीन महीनों का वक्त है।

तेज बहादुर के वीडियो से पूरे देश में बवाल मच गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से मामले की विस्तृत रपट मांगी थी।

जम्मू के बीएसएफ समरी सिक्युरिटी फोर्स कोर्ट (एसएसएफसी) ने 29वीं बटालियन में तैनात बीएसएफ जवान को अनुशासनहीनता का दोषी पाया। एसएसएफसी ने 13 अप्रैल को सुनावाई शुरू की और बुधवार को खत्म कर दी।

एसएसएफसी के एक बयान के मुताबिक यादव को सभी आरोपों में दोषी पाया गया और बीएसएफ अधिनियम तथा नियमों के तहत बुधवार से उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यादव के पास उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए तीन महीने का वक्त है।

एसएसएफसी के आदेश के मुताबिक यादव ने भोजन की गुणवत्ता के बारे में सोशल मीडिया पर बेबुनियाद आरोप लगाए और सुरक्षाबलों की औपचारिक शिकायत तथा समाधान प्रणाली का पालन नहीं किया।

आदेश के मुताबिक उन्होंने सुरक्षाबलों के सामान्य निर्देशों के पालन की अनदेखी की, जिसमें उन्होंने ड्यूटी के दौरान दो मोबाइल फोन रखे, जो एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रॉसिड्योर) के खिलाफ है और निर्देशों का उल्लंघन करते हुए वर्दी में सोशल मीडिया पर फोटोग्राफ भी पोस्ट किया।

बीएसएफ की अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान यादव को अपने बचाव के लिए हर तरह का मौका दिया गया।

वर्दी पहने और साथ में राइफल लिए हुए यादव ने सोशल मीडिया पर जनवरी में एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने सुरक्षाबलों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे और अज्ञात अधिकारियों पर सैनिकों के लिए आई भोजन सामग्री को बेचने का आरोप लगाया था।

इसके बाद से ही जवान के खिलाफ अनुशासनहीनता सहित कई तरह की जांच चल रही थी और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की उनकी याचिका अधिकारियों ने खारिज कर दी थी।