लाहौर। पाकिस्तान में अहमदी समुदाय की एक प्रोफेसर की यहां उनके घर में हत्या कर दी गई। पिछले तीन सप्ताह में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर यह तीसरा हमला है।
पंजाब विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलाजी एवं आणविक जेनेटिक्स की 61 वर्षीय प्रोफेसर ताहिरा परवीन मलिक विश्वविद्यालय परिसर में बने आधिकारिक आवास में अकेले रहती थीं।
पंजाब विश्वविद्यालय के प्रवक्ता खुर्रम शहजाद ने कहा कि पुलिस और विश्वविद्यालय के अधिकारी कल सुबह जब प्रो. मलिक के घर पहुंचे, तो वह अपने घर में मृत पाई गईं। उनकी बेटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को बताया था कि उनकी मां पिछली रात से उसका फोन नहीं उठा रही हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि जब पुलिस उनके घर का दरवाजा तोड़कर उनके घर में घुसी, तो वह खून से लथपथ पड़ी मिली। उन पर चाकू से कई वार किए गए थे।
खुर्रम ने बताया कि मलिक की बेटी कराची में रहती हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लूटपाट के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
जमात अहमदिया पाकिस्तान के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने कहा,ऐसा प्रतीत होता है कि मलिक की हत्या उनके अहमदिया समुदाय से ताल्लुक रखने के कारण की गई है क्योंकि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि कुछ चरमपंथी समूह अहमदिया समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैदर अशरफ ने कहा कि हम सभी पहलुओं से इस मामले की जांच कर रहे हैं।
ताहिरा मलिक 1984 में पंजाब विश्वविद्यालय के अप्लाइड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी विभाग से एक शोधार्थी के तौर पर जुड़ी थीं। उन्होंने 1990 में अमेरिका के कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी रिवरसाइड से एमएस एम फिल के समतुल्य किया था।
बाद में साल 2004 में वह पंजाब विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉली एंड मॉलीक्यूलर जेनेटिक्स विभाग से जुड़ गईं और 15 अगस्त 2016 को यहां से सेवानिवृत्त हो गयीं थीं लेकिन बाद में वह अनुबंध के तौर पर फिर से विश्वविद्यालय से जुड़ गयीं थीं।
इस माह की शुरुआत में अहमदी समुदाय के चिकित्सक अशफाक अहमद की अज्ञात बदमाश ने गोली मार कर हत्या कर दी थी।