नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक पत्रिका में भगवान विष्णु के रूप में दर्शाने के खिलाफ की गई आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया।
अपील का खारिज करते हुए न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपराधिक शिकायत में धार्मिक भावना के आहत होने के आरोप को सही नहीं पाया गया।
एक अन्य शख्स द्वारा बेंगलुरू की एक अदालत में धोनी के खिलाफ की गई ऐसी ही एक शिकायत को सर्वोच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने पिछले साल सितंबर में खारिज कर दिया था।
पत्रिका के 2013 में प्रकाशित अंश के कवर पेच पर धोनी का फोटो भगवान विष्णु की पोशका पहने प्रकाशित किया गया था। इस फोटो में उनके हाथ में कई कंपनियों के सामान थे जिनमें से एक जूता भी था।
आंध्र प्रदेश के अंनतपुर की अदालत ने इस मामले में धोनी के खिलाफ धार्मिक भावना को आहत करने के आरोप में गैर जमानती वारंट जारी किया था।
इसके बाद धोनी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया था लेकिन अदालत ने इस मामले पर सुनवाई से इंकार कर दिया था और धोनी के खिलाफ निचली अदालत द्वारा दारी गैरजमानती वारंट को जारी रखा था।
इसके बाद धोनी ने सर्वोच्च न्यायालय में एक विशेष याचिका दाखिल की थी और कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।
इसके अलावा अनंतपुर की एक अदालत ने भी धोनी के खिलाफ इस मामले में गैरजमानती वारंट जारी किया था। इसी के बाद धोनी ने अपने ऊपर लगे आपराधिक मामले को खत्म करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।