अजमेर। क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र स्थित मित्तल अस्पताल में दमा रोग से ग्रसित रोगी की शुक्रवार रात चिकित्सकों की कथित लापरवाही से मौत होने का मामला सामने आया है। क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर जेएलएन अस्पताल से शनिवार सुबह शव का पोस्टमार्टंम कराने के बाद मामलों की जांच शुरू कर दी है।
एएसआई उदयलाल ने बताया कि दीवराला, सीकर निवासी शक्तिसिंह ने शिकायत दी है कि उसके पिता नारायणसिंह को उपचार के लिए मित्तल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां यूनिट हैड डॉ प्रमोद डांगी और उनकी यूनिट के चिकित्सकों नव नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही के कारण शुक्रवार रात को नारायणसिंह की मौत हो गई।
इस शिकायत के मिलने पर पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया है। मृतक नारायणसिंह के पुत्र शक्तिसिंह ने बताया कि उसका पिता दमा रोगी था जिसके चलते उन्हें गत 28 जनवरी को मित्तल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो दिन बाद नारायणसिंह की हालात में सुधार होने के बाद उन्हें छुट्टी देकर घर भेज दिया गया था। बाद में पुन: नारायणसिंह की हालक 2 फरवरी को बिगडऩे पर उन्हें पुन: मितल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शक्तिसिंह का आरोप है कि अस्पताल के चिकित्सकों का व्यवहार काफी रुखा था और नर्सिंग स्टॉफ भी उनके साथ ठीक से पेश नहीं आ रहा था जिसके चलते नारायणसिंह के हाथपांव बांध दिए गए थे और उनके मुंह पर लगे ऑक्सीजन मास्क को हटा दिया गया था। चूंकि नारायणसिंह दमा के रोगी थे जिसके चलते उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनको शुक्रवार शाम को हालत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने उन्हें वेन्टीलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।
आरोप है कि नारायणसिंह की मौत शुक्रवार रात को ही हो चुकी थी लेकिन चिकित्सकों ने शक्तिसिंह व उनकी मां को गुमराह रखा और वेन्टीलेटर पर उपचार करने का नाटक किया। शक्तिसिंह का कहना है कि शुक्रवार को उसकी मां लाजकंवर तथा उनका भाई विजय प्रताप सिंह दूध और बिस्कुट लेकर अस्पताल गए थे तथा नारायणसिंह ने उक्त दूध ठीक से पिया था।
चिकित्सकों द्वारा नारायणसिंह के साथ की जा रही लापरवाही को नारायणसिंह ने अपनी मौत से पहले लिखकर अपने पुत्र शक्तिसिंह को दिया था। जिसे शक्तिसिंह ने आधार बनाकर क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस को शिकायत देकर मित्तल अस्पताल के चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने उक्त मामले में शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद जांच शुरू कर दी है।