कहते है कि किसी भी चीज में स्थिरता का मतलब है ग्रोथ का रुकना, क्योंकि हर चीज, हर मौका कुछ नया लेकर आता है। यही फंडा जॉब में भी कारगार है, असल में युवाओं के लिए नौकरी बदलना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है।
अब इंडस्ट्री से अलग दूसरी इंडस्ट्री का अनुभव लेने और करियर ग्रोथ से भी वे नहीं कतराते। इस ग्रोथ और एक्सपिरियंस के लिए युवा इन दिनों हर जोख्मि भी उठाने को तैयार है। लेकिन आखिर में सवाल यह उठता है कि कड़ी प्रतियोगिता के इस जमाने में नौकरी या इंडस्ट्री बदलना कितना सही है।
क्यों चाहिए बदलाव
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक किसी भी कर्मचारी के लिए नौकरी बदलने की कई वजह हो सकती हैं। हालांकि ज्यादातर युवा आज के दौर में बेहतर बॉस, नौकरी से संतुष्टि, वर्क लाइफ बैलेंस और अपने जुनून को पूरा करने की चाहत में नौकरी बदलते हैं। दरअसल होता यह है कि ज्यादातर युवा अपने लिए करियर गोल सेट करके इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत करते हैं। हालांकि थोड़े दिनों बाद ही उन्हें ऐसा लगता है कि वे इस फील्ड के लिए नहीं बने हैं। ऐसे में उनके लिए इंडस्ट्री चेंज करके अपने करियर को सही दिशा देना बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा अलग-अलग कंपनियों का अनुभव आपको नई-नई चीजें सीखने का मौका देता है। अक्सर इंडस्ट्री बदलने वाले लोग ही कुछ अलग करके दिखाते हैं
होना चाहिए खास हुनर
इंडस्ट्री बदलने से पहले आपको अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना चाहिए, क्योंकि यह आपके करियर का बहुत अहम फैसला होता है। यह फैसला लेने से पहले आपको इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि जिस इंडस्ट्री में आप शिफ्ट करना चाहते हैं, वहां आप अपनी स्किल्स का किस ढंग से इस्तेमाल कर पाएंगे। साथ ही इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी नौकरी में तरक्की के लिए संतुष्ट होना बेहद जरूरी है। जॉब बदलने से पहले इस बात पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें कि आप नई जॉब में कितने खुश रह पाएंगे। हालांकि आजकल हॉस्पिटेलिटी से बीपीओ, आर्मी से रिस्क एंड कंप्लाएंस, सिक्योरिटी, फैसिलिटीज, एडमिनिस्ट्रेशन, काउंसलिंग से एचआर और राइटिंग से कंटेंट डेवलपमेंट व एडवरटाइजिंग में आना काफी आम हो गया है।
अनुभव होना जरूरी
अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोग इंडस्ट्री बदलने से कतराते हैं। युवाओं के बीच यह धारणा भी आम है कि अगर सीवी में कई जॉब चेंज दर्शाए गए हैं तो इसका अच्छा या बुरा प्रभाव होगा। सच यह है कि आपके इंडस्ट्री बदलने का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव आपके अनुभव, एप्टिट्य़ूड और एटिट्य़ूड पर निर्भर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंडस्ट्री बदलते समय आपके पास कुछ अनुभव होना बेहद जरूरी है। इससे आपके आगे के काम में सहायता तो मिलती ही है, दूसरी कंपनी पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
पहले जाने इंडस्ट्री
यदि आप बड़े बदलाव के बारे में सोच रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप नई इंडस्ट्री के लिए जरूरी कोर्स या डिग्री हासिल कर लें। हालांकि अगर आपको उस इंडस्ट्री से मिलती-जुलती इंडस्ट्री में कुछ अनुभव है तो आप सीधे भी उसका रुख कर सकते हैं। अगर आप अपनी पुरानी इंडस्ट्री जैसी ही किसी नई जगह जाते हैं तो न सिर्फ आप वहां जल्दी फिट हो जाते हैं, बल्कि आपका पुराना अनुभव भी काम आता है। कई बार इंडस्ट्री चेंज को प्रतिभागी की दिमागी काबिलियत और जुनून के तौर पर देखा जाता है। इस सबके बावजूद नौकरी बदलते समय दिल के साथ-साथ दिमाग से भी काम लेना बेहतर होगा, ताकि आपको नौकरी बदलने के बाद किसी भी तरह का अफसोस न हो।
जॉब स्विच के कुछ संकेत
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अगर आप पिछले तीन सालों से बिना पदोन्नति के एक ही कंपनी और एक ही पद पर हैं और आप करियर आगे बढ़ाना चाहते हैं तो यह कहीं और देखने का समय है। यहां तक कि जहां प्रमोशन मुश्किल से होता है, इस टाइम फ्रेम के अंदर आपको आगे बढ़ने में सक्षम होता है।
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अगर परफाॅर्मेंस पर आपके डायरेक्ट मैनेजर फीडबैक नहीं देता है या अगर प्रतिक्रिया सामान्य है और यह जानना मुश्किल हो कि उस कंपनी में कैसे ग्रो किया जाए। एक अच्छा मैनेजर आपके करियर डेवलपमेंट से जुड़ा होता है और नियमित रूप से सलाह और मार्गदर्शन देता है। अगर ऐसा नहीं हैं तो आपको इस जाॅब के बारे में एक बार फिर सोचना होगा।
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अगर सीखने का कर्व नीचे आ रहा है या आप कुछ चुनौती नहीं महसूस कर रहे हैं तो यह संकेत है कि आपको आगे बढ़ जाना चाहिए। हो सकता है कि हर दिन आप कुछ नहीं सीख रहे हो लेकिन आपको आपकी स्किल्स को पाॅलिश करते रहना चाहिए। अगर आपको ट्रेनिंग सैशन, नए प्रोजेक्ट्स या संबंधित सेमीनार, काॅन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं बनाया जा रहा है तो यह संकेत हैं कि आपकी कंपनी करियर डेवलपमेंट में निवेश करने में रूचि नहीं ले रही है।
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आसपास सहयोगी रिज्यूमे और लिंक्डिन प्रोफाइल अपडेट करते हुए नजर आ रहे हो तो जरा नजर रखिएगा। आपके साथ काम करने वाले जो कि अच्छे कर्मचारी माने जाते हैं, नए अवसर की तलाश कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि इससे बेहतर भी जगह है काम करने के लिए। यहां भीड़ को फाॅलो करने की बात नहीं है लेकिन इसे वाॅर्निंग साइन मान सकते हैं और अपने साथियों से उनके उस फैसले का कारण पूछ सकते हैं।
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कंपनी नियमित रूप से बदलाव करती है तो हो सकता है कि कुछ नेतृत्व या रणनीति की समस्या हो। रीस्ट्रक्चरिंग आपको आगे बढ़ने और चमकने का मौका दे सकती है लेकिन आमतौर पर अशांति का संदेश देती है। हो सकता है आपकी प्राथमिकता, फोकस और प्रगति प्रभावित हो।
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स्थिति कुछ भी हो लेकिन आपकी गट फीलिंग्स को नजरअंदाज न करें। आपसे अच्छा कोई भी नहीं जानता है कि काम का माहौल क्या है। अगर आपको महसूस होता है कि नई जाॅब तलाश करना चाहिए तो आपको अंदर की आवाज सुनना चाहिए।
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