नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने शनिवार को कहा कि हरियाणा में 2008 में उनकी कंपनी द्वारा खरीदी गई भूमि को लेकर उन पर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आनी चाहिए।
वाड्रा ने इसी भूमि करार से जुड़ी एक खबर को फेसबुक पर साझा करते हुए लिखा कि सच्चाई सामने आनी चाहिए। शेयर की गई खबर का शीर्षक था ‘ओंकारेश्वर ने स्काईलाइट को कोई भूमि हस्तांतरित नहीं की।
वाड्रा ने हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा राज्य में भूमि की खरीद फरोख्त के कुछ मामलों की जांच के लिए गठित ढींगरा आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद मीडिया में आ रही खबरों पर पहली बार कोई प्रतिक्रिया दी है।
ढींगरा आयोग राजनीतिक बदले की कार्रवाई : कांग्रेस
ढींगरा आयोग ने गुरुग्राम के चार गांवों में भूमि की खरीद फरोख्त के लिए भूमि के उपयोग के बदले जाने के जिन मामलों की जांच की है, उनमें वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को जारी किया गया लाइसेंस भी शामिल है।
पिछले वर्ष अगस्त में आयोग ने हरियाणा सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, जिसमें लाइसेंस जारी करने में अनियमितता की बात कही गई है।
समाचार पत्र ‘ईकोनॉमिक टाइम्स’ में गुरुवार को प्रकाशित खबर में कहा गया है कि ढींगरा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वाड्रा ने हरियाणा में 2008 में एक भूमि की खरीद फरोख्त में अवैध तरीके से 50.5 करोड़ रुपए कमाए, जबकि इसके लिए उन्होंने एक भी पैसा खर्च नहीं किया।