नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुस्लिम समुदाय से तीन तलाक मुद्दे का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया और देश की ‘महान परंपरा’ का हवाला देते हुए कहा कि इस मुद्दे का समाधान केवल मुस्लिम समुदाय से ही आएगा।
बसव जयंती के मौके पर मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को देखते हुए मैं इस बात को लेकर आशान्वित हूं और उम्मीद करता हूं कि इसी समुदाय से एक प्रभावशाली व्यक्ति आगे बढ़ेगा जो इस आदिम कानून को चुनौती देगा और उसका खात्मा करेगा और समाज को आधुनिकतम बनाएगा।
उन्होंने कहा कि मुझे मुस्लिम समुदाय पर पूरा विश्वास है कि कुछ सुधारक आगे आएंगे और मुस्लिम बहनों के साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे।
मोदी ने कहा कि सदियों के दौरान समाज में कई बुराइयां दाखिल हुई हैं, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उन बुराइयों को समाप्त करने के लिए संकल्प भी इसी समाज के भीतर से आया है।
उन्होंने भगवान बसव के उदाहरण का हवाला दिया, जिन्होंने कई सदी पहले एक लोकतांत्रिक व्यवस्था की परिकल्पना की थी और 19वीं सदी में समाज सुधारक राजा राम मोहन राय ने विधवाओं के अधिकारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी धरा को महान लोगों का आशीर्वाद मिला हुआ, जिन्होंने समाज में बदलाव लाया। भारत में मुसलमान होंगे, जिनके पास दुनिया के मुसलमानों का दिशा-निर्देशन करने की क्षमता होगी। यह हमारी धरती की खूबसूरती है।
उन्होंने कहा कि मैं उनसे इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं। मोदी ने कहा कि वह देश की मुस्लिम बेटियों की पीड़ा के खिलाफ लड़ाई लडेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार इस आदिम कानून को खत्म करेगी।
उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत हुई है,हमारे समाज के भीतर से ही सुधार आया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि तीन तलाक के कारण पीड़ा सहन कर रहीं कुछ मुस्लिम महिलाओं के दर्द को दूर करने के लिए मुस्लिम समुदाय से ही सुधारक निकलेंगे।
अप्रैल महीने की शुरुआत में भुवनेश्वर में पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने तीन तलाक का मुद्दा उठाया था। उन्होंने तीन तलाक को ‘सामाजिक कुप्रथा’ करार दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ 11 मई से तीन तलाक, ‘निकाह हलाला’ तथा बहुविवाह की परंपरा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
मुस्लिमों में तीन तलाक, ‘निकाह हलाला’ तथा बहुविवाह की सुनवाई कर रही सर्वोच्च न्यायालय की पीठ से केंद्र सरकार ने कहा था कि यह प्रथा मुस्लिम महिलाओं की ‘समानता तथा गरिमा के अधिकारों का हनन करती है।’
प्रथा का विरोध करते हुए सरकार ने तीन तलाक का उल्लेख समाज में महिलाओं की भूमिका पर पितृसत्तात्मक मूल्यों तथा पारंपरिक विचारों के रूप में किया था।
तीन तलाक प्रथा के तहत एक मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को तीन बार ‘तलाक’ बोलकर तलाक दे सकता है। वहीं ‘निकाह हलाला’ के तहत एक तलाकशुदा महिला को अपने पति से दोबारा शादी करने के लिए पहले किसी और मर्द से शादी करनी होगी, उसके बाद उसे तलाक देकर वह अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सकती है।
बसव जयंती के उद्घाटन के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास केवल पराजय, गरीबी या उपनिवेशवाद के बारे में ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने सुशासन, अहिंसा तथा सत्याग्रह का संदेश दिया है।
12वीं सदी के दार्शनिक, कन्नड़ कवि तथा सामाजिक सुधारक बसवेश्वरा की 884वीं जयंती के मौके पर मोदी ने 23 भारतीय भाषाओं में वचन के डिजिटल संस्करण को लॉन्च किया।
बसवेश्वरा के वचन को सुशासन का आधार करार देते हुए उन्होंने कहा कि विकास के फल जैसे आवास, बिजली तथा सड़कें बिना किसी भेदभाव के हरेक तक और सब तक पहुंचने चाहिए। मोदी ने कहा कि यह सबका साथ, सबका विकास का मूल मंत्र है।