न्यूयार्क। दुनिया की शीर्ष इंटरनेट कंपनी गूगल अपने क्रोम ब्राउजर के लिए एड ब्लॉकर पेश करने जा रही है, जबकि इसकी वजह से उसे ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए होने वाली कमाई में घाटा हो सकता है। आर्थिक समाचार-पत्र ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के मुताबिक, अमरीका और यूरोप में प्रकाशकों ने गूगल के इस कदम की सराहना की है।
हाल ही में गूगल के बेहद लोकप्रिय वीडियो सामग्री वाली वेबसाइट यूट्यूब पर विज्ञापनों को लेकर हुई आलोचना के बाद गूगल ने यह कदम उठाया है।
इसी वर्ष मार्च में यूट्यूब पर आपराधिक सामग्री वाले वीडियो के साथ विज्ञापन दिए जाने पर कई कंपनियों ने यूट्यूब का बहिष्कार करते हुए अपने विज्ञापन वापस हटा लिए थे। जिन आपत्तिजनक वीडियो के साथ ये विज्ञापन दिखे, उनमें आतंकवादी संगठनों से संबद्ध वीडियो भी थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यूट्यूब से विज्ञापन वापस लेने के कारण गूगल को करीब 75 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ।
गूगल ने तब समस्या से निपटने के लिए समाधान निकालने का वादा किया था और गूगल क्रोम के लिए एड-ब्लॉकर पेश कर कंपनी ने उसी दिशा में कदम बढ़ाया है।
गूगल ने अभी एड ब्लॉकर से जुड़े अन्य ब्योरे नहीं दिए हैं, हालांकि कहा है कि प्रकाशकों से उसने इस पर शुरुआती बातचीत की है।
इंटरनेट से संबंधित प्रौद्योगिकी के बाजार संबंधित आंकड़े जारी करने वाली कंपनी ‘नेटमार्केटशेयर’ के अनुसार इंटरनेट ब्राउजिंग बाजार में क्रोम का सबसे बड़ा 60 फीसदी हिस्सा है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह एड ब्लॉकर संभवत: पाठक को रुचिकर न लगने वाले कुछ खास विज्ञापनों पर रोकथाम लगाएगा, जैसे पॉप अप और स्वत: चलने वाले वीडियो विज्ञापन।
शुरुआत में इसे प्रकाशकों के लिए परेशानी की तरह देखा जा रहा था, क्योंकि वे पहले से ही गूगल और फेसबुक के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते विज्ञापनों के खर्च से परेशान थे।
लेकिन गूगल का एड ब्लॉकर प्रकाशकों के लिए उत्साहवर्धक ही लग रहा है, क्योंकि इसकी मदद से वे ऑनलाइन विज्ञापनों को साफ-सुथरा रख पाएंगे।