पटना। बिहार में शराबबंदी के बाद पटना जिले में जब्त शराब की मात्रा कम होने का आरोप भले ही पुलिसकर्मी ‘चूहे’ पर लगा रहे हों, लेकिन राज्य में पिछले दो दिनों में एक थाना प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मियों की शराब पीने के आरोप में गिरफ्तारी ने यहां शराबबंदी की पोल खोल दी है। वैसे बिहार पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने पटना में स्थानीय नगर निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर सभी थाना प्रभारियों के साथ मंगलवार को बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने थानों द्वारा बरामद शराब के संबंध में जानकारी ली तो वे आश्चर्य में पड़ गए।
कई थाना प्रभारियों द्वारा बताया गया कि जब्त की गई शराब थाने के मालखाने में रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो गई या फिर उनका तर्क ‘चूहे’ द्वारा बोतलों को कुतरकर शराब गटकने का रहा।
इसके बाद महाराज ने थानों में पदस्थापित सभी स्तर के पुलिसकर्मियों का औचक ‘ब्रेथ एनलाइजिंग’ टेस्ट कराने की बात कही है।
इधर, बिहार के पुलिस महानिदेशक पी. क़े ठाकुर ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से जब्त की गई शराब की अद्यतन जानकारी मांगी गई है तथा जब्त शराबों को जल्द नष्ट करने और उसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
इस बीच चूहों के शराब गटकने के पुलिसकर्मियों के दावे की उस समय हवा निकल गई जब पिछले दो दिनों में एक थाना प्रभारी, पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित तीन पुलिसकर्मियों को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
मुजफ्फरपुर जिले के काजी मोहम्मदपुर थाना के प्रभारी रामेश्वर सिंह को शराब गटकने के आरोप में गुरुवार रात उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वे वर्दी में थाने के अंदर बैठकर शराब पी रहे थे।
इसकी सूचना जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को मिली तो उन्होंने मामले पर संज्ञान लेते हुए तत्काल कारवाई कर सिंह को शराब के नशे में धुत गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया।
इससे पहले बुधवार की रात को राजधानी पटना में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल सिंह सहित दो पुलिसकर्मियों को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को शक है कि कहीं थानों के मालखाने में रखी शराब पुलिस वाले तो नहीं गटक रहे।
बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में पूर्ण शराबबंदी के एक साल के भीतर 5,14,639 लीटर विदेशी (अंग्रेजी), 3,10,292 लीटर देशी शराब और 11,371 बीयर जब्त की गई।
वैसे शराबबंदी के एक वर्ष पूरे होने के बावजूद राज्य में शराब तस्करी का धंधा हो रहा है। शराब तस्कर रोज नए-नए तरीके अपनाकर राज्य में चोरी-छिपे शराब की तस्करी कर रहे हैं। राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिदिन शराब बरामदगी की खबर आती है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी पांच अप्रेल, 2016 को लागू हुई थी और संशोधित नया कानून 2 अक्टूबर, 2016 को लागू हुआ था।