काहिरा। इस्लामिक स्टेट ने मिस्र में मुसलमानों को ईसाइयों के स्थलों पर नहीं जाने की चेतावनी दी है। साथ ही सेना, सरकारी प्रतिष्ठानों तथा उन स्थानों पर भी नहीं जाने को लेकर चेताया है, जहां पश्चिमी देशों के विदेशी नागरिक जुटते हैं। आतंकवादी संगठन का कहना है कि वह इन स्थानों को निशाना बना सकता है।
एफे न्यूज के मुताबिक, आईएस के ‘अल-नबा’ साप्ताहिक समाचार-पत्र में आतंकवादी संगठन के एक सदस्य ने साक्षात्कार में कहा कि वे इन स्थानों को किसी भी समय निशाना बना सकते हैं।
मिस्र में एलेक्जेंड्रिया और तांता शहरों में नौ अप्रेल को गिरजाघरों पर दो आत्मघाती हमलावरों ने खुद को बम से उड़ा लिया था, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई थी।
आईएस आतंकवादी ने मुसलमानों से कहा कि हम नहीं चाहते कि इन काफिरों के खिलाफ हमारे अभियान में आपको किसी तरह का नुकसान पहुंचे।
हालांकि उसने माना कि मिस्र की एक बहुत बड़ी आबादी चरमपंथ के खिलाफ है और इसलिए देश के लोगों से अपील की कि वे अपने इस रुख से तौबा कर लें, क्योंकि यह ‘अधर्म’ है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने नौ अप्रैल के हमले के बाद देशभर में आपातकाल की घोषणा की थी और सार्वजनिक स्थलों तथा गिरजाघरों के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए थे।