पुणे। पुणे की एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और फिर उसकी हत्या करने के मामले में मंगलवार को तीन प्रमुख आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है।
एक त्वरित अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पाठक-पुजारी के साथ अक्टूबर, 2009 में सामूहिक दुष्कर्म करने और उसके बाद उनकी हत्या करने वाले तीनों अपराधियों को मौत की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश एलएल येनकर ने सोमवार को दिनभर चले दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह के बाद योगेश अशोक राउत, महेश बालासाहेब ठाकुर और विश्वास हिंदूराव कदम को अपहरण, लूट, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था।
विशेष सरकारी वकील हर्षद निंबालकर ने हादसे को दुर्लभतम करार दिया था और पीड़िता के साथ की गई बर्बरता का हवाला देते हुए दोषियों को मृत्युंदड देने की जोरदार मांग की थी।
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष पूरे घटनाक्रम को साबित करने में सफल रहा है, और जिस तरह इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया, उसके अनुसार दोषी कानून के तहत अधिकतम सजा पाने के लायक हैं।
आरोपियों का दोष तय होने के बाद उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ जिस बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसकी हत्या की गई, यह एक दुर्लभतम मामला बनता है।
मामले में गिरफ्तार एक सह-आरोपी राजेश पांडुरंग चौधरी को सरकारी गवाह बनने के चलते माफी दे दी गई है।
पीड़िता के पति अभिजीत पुजारी और बहनों मनीषा जी. और माधुरी जे. ने दोषियों को मौत की सजा दिए जाने की मांग की थी और अदालत द्वारा मृत्युदंड सुनाए जाने पर उन्होंने संतोष जताया है।