Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
एक्वेरियम से मिलते जुलते कुछ और बॉक्स - Sabguru News
Home Azab Gazab एक्वेरियम से मिलते जुलते कुछ और बॉक्स

एक्वेरियम से मिलते जुलते कुछ और बॉक्स

0
एक्वेरियम से मिलते जुलते कुछ और बॉक्स

जब कुछ रंग-बिरंगी मछलियां घर के किसी कोने में रखे एक्वेरियम में अठखेलियां करती हैं तो मन में सुकून का अहसास होता है और यही पल हमें प्रकृति के और करीब ले आता है। वास्तु के मुताबिक भी बेहतर समझे जाने वाले इन एक्वेरियम की बाजार में विभिन्न रेंज आसानी से मिल जाती हैं लेकिन बाकी सभी पेट्स की तरह इन मछलियों का भी खास ध्यान रखना जरूरी है जैसे कि सही वक्त पर सफाई करना, सीमित मात्रा में खाना खिलाते रहना।

पर क्या आप जानते हैं कि कांच के बने इन बक्सों में मछलियों के साथ कुछ और जीव भी सहेजे जा सकते हैं। जिस तरह मछली के रहने वाले बक्से को एक्वेरियम कहा जाता है,(VIDEO: चलती रेलगाड़ी पर चढ़ कर किया डांस इलेक्ट्रिक लाइन से बचा) उसी प्रकार इन विभिन्न बक्सों को अलग-अलग नाम दिया गया है और इन सभी की पहचान भी अलग-अलग है जैसे कि इनसैक्टिेरियम, पालुडेरियम और टेटेरियम इत्यादि। जो कि इस प्रकार हैं

एक्वेरियम : इसमें मछलियों को प्राकृतिक जलीय वनस्पति के साथ रखा जाता है।(VIDEO: कैमरे में कैद हुई ऐसी अजीब घटनाएँ) यह कांच की मोटी दीवारों से बना हुआ एक आयातकार कांच का घर होता है। इसका अधिकांश भाग पानी से भरा होता है।

इनसैक्टिेरियम : इसमें छोटे कीट पतंगे सुरक्षित रखे जाते हैं। इस प्रकार यह वस्तुत: कीटों का जंतुआलय होता है।

फॉरमीकेरियम : कांच या प्लास्टिक की दीवारों से बने (VIDEO: खतरनाक सांपो को भी आसानी से खा जाते हैं ये लोग) हुए पारदर्शक इस बॉक्सनुमा घर में चींटियों को उनके जीवनक्रम के अध्ययन हेतु सुरक्षित रखा जाता है।

पालुडेरियम : इस ‘वाइवेरियम’ को ‘एक्वेरियम’ तथा ‘टेरेरियम’ का मिश्रित स्वरूप कहा जा सकता है जिसमें कि घने बरसाती जंगलों तथा दलदली वातावरण का मिश्रित स्वरूप एकसाथ होता है।(VIDEO: ट्रैन पर चढ़ कर ले रहा था सेल्फी लड़के को पड़ा महँगा) उसी प्रकार के वृक्ष तथा जीव-जंतु ‘पालुडेरियम’ में अध्ययन के लिए रखे जाते हैं।

रिपेरियम : यह एक प्रकार का ‘पालुडेरियम’ ही है(VIDEO: भारत में मिला 10वा अजूबा यह बच्चा झटपट देता है जवाब) जिसमें पानी स्थाई न होकर विविध तलों में गुजरता हुआ धारा रूप में प्रवाहित होता रहता है। यह वस्तुत: प्रवाहित होने वाले जल में विकसित जीवन के अध्ययन के लिए बनाया जाता है।

टेरेरियम : इसमें मुख्यत: शुष्क प्रदेश जैसे रेगिस्तान या घास प्रदेशों के वातावरण की रचना की जाती है।(VIDEO: बॉलीवुड की ऐसी एक्ट्रेस जो पीती है सिगरेट) इस प्रकार की प्राकृतिक परिस्थितियों में रहने वाले जीव-जंतुओं, खासतौर पर मकड़ी, गिरगिट, सांप, बिच्छू तथा कई छोटी चिड़ियाओं के जीवनक्रम के अध्ययन के लिए ‘टेरेरियम’ का निर्माण किया जाता है।

आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और  FACEBOOK पर PAGE LIKE  कीजिए,  और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE