मुंबई। देशभर के पेट्रोल पंप मालिकों ने 14 मई से रविवार के प्रस्तावित साप्ताहिक अवकाश और 15 मई से एक शिफ्ट में पंपों के संचालन का फैसला शनिवार को वापस ले लिया। एक आधिकारिक बयान जारी कर यह जानकारी दी गई।
फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (एफएएमपीईडीए) के अध्यक्ष उदय लोध ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों (ओमसी) द्वारा बुधवार को बुलाई गई समीक्षा बैठक में अगली सूचना तक प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला लिया गया।
एफएएमपीईडी सहित भारत के पेट्रोल डीलर्स के गुट (सीआईपीडी) ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा में ‘कॉस्ट कटिंग मॉड्यूल’ लांच करने की योजना बनाई है।
लोध ने कहा कि प्रस्तावित कदम से महाराष्ट्र में ही 4,500 पेट्रोल पंप प्रभावित होते, जिनमें मुंबई में ही 225 पेट्रोल पंप हैं।
एफएएमपीईडीए यह प्रस्तावित अवकाश सीआईपीडी के आह्वान पर ओमसी से की गई मांगों के समर्थन में शुरू करने जा रही थी। सीआईपीडी काफी समय से ओएमसी से डीलर्स मार्जिन बढ़ाने सहित कई मांगें कर रही है।
लोध ने कहा कि हमें पिछले साल नवंबर में तेल कंपनियों से हुए समझौते पर चर्चा करने के लिए अगले बुधवार को बुलाया गया है। इसलिए तब तक हमने विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंपों को इस समय काफी कम मार्जिन मिल रहा है। उन्नत किस्म का सीसा रहित पेट्रोल और डीजल बहुत तेजी से वाष्पित होता है, जिससे काफी घाटा सहना पड़ता है।
लोध ने कहा कि इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं, जैसे – हर पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देना संभव नहीं है।
पेट्रोल पंपों द्वारा रविवार को अवकाश करने और शेष दिन एक शिफ्ट में पंप का संचालन करने के फैसले से महाराष्ट्र में ही करीब एक लाख कामगार प्रभावित होते, जो अमूमन रोज दो शिफ्ट में काम करते हैं।