नई दिल्ली। दुनिया के सौ सबसे ज्यादा मेहनताना लेने वाली हस्तियों में से एक हिंदी फिल्मों के अभिनेता शाहरुख खान का कहना है कि एक कलाकार के रूप में उनका मुख्य काम खुशी बांटना व लोगों का मनोरंजन करना है। पैसा, शोहरत, पुरस्कार तो इसके साथ आ जाते हैं, जिसके लिए वह शुक्रगुजार हैं।
शाहरुख ने कनाडा के वैंकुवर शहर में हुए टेड टॉक (बातचीत को ऑनलाइन पोस्ट करने वाले मीडिया संस्थान) में हिस्सा लिया था। शाहरुख की हाजिरजवाबी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था।
अभिनेता ने अपने स्टारडम, दूसरों को सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करने और कैसे उनके पास इतने सारे सपने हैं कि अकेला होने पर वह उन सपनों के साथ ही जी सकते हैं, जैसे विषयों पर बातचीत की।
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अभिनेता से पूछा गया कि जब उन्होंने फिल्म उद्योग में कदम रखा था उस दौरान के सपने की तुलना में आज किंग खान बनकर जीवन जीना कैसा है?
शाहरुख ने कहा कि किंग, बादशाह, आकर्षक, प्यारा, रोमांटिक हीरो आदि शब्दों को सुनना बहुत अच्छा लगता है..ये सभी चीजें वास्तव में सकारात्मक चीजें हैं। इसके बजाय मैं नकारात्मक बातें भी सुन सकता था, जिसे लोग मेरे नाम के साथ जोड़ सकते थे। इसलिए मैं आभारी और खुश हूं कि ऐसा हुआ।
उन्होंने कहा कि उनका मुख्य काम लोगों का मनोरंजन करना और उन्हें हंसाना है, और इसके साथ जो भी आता है वह इसके साथ जुड़ा होता है। लोगों को देने वाली खुशी ही सब कुछ है, उसके सामने और किसी चीज का महत्व नहीं है।
शाहरुख ने कहा कि वह सब कुछ जो फिल्मों में मेरे अभिनय के साथ जुड़ा होता है.. चाहे वह पैसा हो, प्रसिद्धि हो, नाम हो, प्रभावशाली लोगों की सूची में होना हो या पुरस्कार के बारे में हो ..यह सब अप्रत्याशित लाभ के खेल हैं।
शाहरुख (51) से जब पूछा गया कि वह अक्सर सपनों को बेचने की बात करते हैं, लेकिन क्या ऐसा सोचते हैं कि एक समय ऐसा भी आ सकता है जब वह अपनी यह क्षमता खो सकते हैं और क्या यह बात परेशान करती है तो उन्होंने कहा कि इसे लेकर मैं परेशान नहीं होता हूं, सपने बेचने की इच्छा रखने वाले को पहले सपना देखना होगा, इसलिए मेरे ढेर सारे सपने हैं। सच तो यह है कि अगर मैं अकेला रहने के लिए छोड़ दिया जाऊं तो मैं अपने सपनों के साथ रहना पसंद करूंगा।
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने सपनों को प्रमाणित करने की जरूरत नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि वह जीवन के आशावादी पक्ष को देखना पसंद करते हैं।
शाहरुख स्टार इंडिया के लिए गैरलाभकारी संगठन टेड के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पहला हिंदी टॉक शो ‘टेड टॉक्स इंडिया : नई सोच’ की मेजबानी करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या मशहूर हस्तियों की प्रेरक बातें देश के युवाओं में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं तो उन्होंने कहा कि ‘प्रेरक बातें’ शब्द अपने आप में काफी बढ़ा-चढ़ा कर कही गई बात महसूस होती है, यह किसी को प्रेरित करने के बारे में नहीं है।
उनका मानना है कि अगर किसी शख्स का अपने अनुभव से ध्यान आकर्षित किया जा सके और अगर लोग इससे कुछ सीखते है, जो उनके लिए उपयुक्त है, तो यह उचित है, लेकिन सारी बातें ऐसी नहीं होने वाली जिसका लोग अनुसरण करें। कुछ बातें लोगों को पंसद आ सकती हैं और कुछ नहीं। निजी बातों से लोग जुड़ाव महसूस करते हैं क्योंकि भावनाएं सार्वभौमिक हैं।
शाहरुख के अनुसार, यह लोगों को संदेश देता है कि अगर आप में थोड़ी भी प्रतिभा है और खुद पर भरोसा है तो यह सपनों को हासिल करने के लिए पर्याप्त है।