नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि के मामले में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से की जा रही जिरह उस वक्त बाधित हो गई, जब जेटली ने जेठमलानी द्वारा उनके खिलाफ क्रुक (धूर्त) शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा आप के नेताओं के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के सिलसिले में न्यायालय में पेश जेटली ने अपने खिलाफ ‘क्रुक’ शब्द के इस्तेमाल के बाद नाराज होते हुए जेठमलानी से सवाल किया कि इस शब्द का इस्तेमाल उन्होंने अपनी तरफ से किया है या केजरीवाल के निर्देश पर?
जेटली ने कहा कि मैं आरोपियों के खिलाफ आरोप और गंभीर करूंगा..निजी द्वेष की भी एक सीमा होती है। ‘क्रुक’ शब्द के स्रोत के बारे में स्पष्ट करने के लिए कहे जाने पर जेठमलानी ने कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल वह अपने मुवक्किल (केजरीवाल) के निर्देश पर कर रहे हैं।
जेटली का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव नय्यर तथा संदीप सेठी ने जेठमलानी द्वारा मंत्री को ‘धूर्तता व अपराध का दोषी’ कहे जाने पर आपत्ति जताई।
सुनवाई के दौरान आप नेताओं का बचाव करने वाले जेठमलानी तथा कुछ वकीलों ने दलील दी कि केजरीवाल व अन्य से मांगे गए 10 करोड़ रुपए के हर्जाने के हकदार जेटली नहीं है।
संयुक्त रजिस्ट्रार (जेआर) दीपाली शर्मा ने जेठमलानी को उनके उस आरोप से संबंधित सवाल पूछने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि एक समाचार पत्र में एक लेख के प्रकाशित होने में जेटली बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
जेआर ने कहा कि सवाल पूछने की मंजूरी नहीं दी जाती है, क्योंकि न्यायालय ने 15 मई, 2017 को लेख को मामले में अप्रासंगिक पाया। हालांकि प्रतिवादी नंबर एक (केजरीवाल) मुद्दे को लेकर विशेष पड़ताल कर रहे हैं, जो इस मामले का हिस्सा नहीं है।
जेटली द्वारा दर्ज कराए गए दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) मानहानि मामले में केजरीवाल के वकील जेठमलानी वित्त मंत्री से जिरह कर रहे हैं।
जेटली ने दिसंबर 2015 में केजरीवाल तथा आप के नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा तथा दीपक बाजपेयी के खिलाफ दीवानी मानहानि का मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि आरोपियों ने डीडीसीए से संबंधित मामले में उनके खिलाफ ‘बेबुनियाद तथा मानहानिकारक’ टिप्पणियां कीं, जिससे उनकी छवि को नुकसान हुआ।
जेटली ने केजरीवाल तथा आप नेताओं से 10 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि आप नेताओं ने 13 साल पहले डीडीसीए में कथित अनियमितता तथा वित्तीय हेराफेरी को लेकर उनपर हमला किया, जब वह संस्था के अध्यक्ष थे। अदालत ने जिरह के लिए अगली तारीख 28 तथा 31 जुलाई तय की है।