नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की तरफ से नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव का मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने गुरुवार को कहा कि उन्हें नई दिल्ली की जीत का आभास था और इस्लामाबाद फैसले को मानने के लिए ‘बाध्य’ है।
पिछले 40 वर्षो से वकालत कर रहे साल्वे ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि एक वकील के रूप में आपको इस बात का आभास हो जाता है कि न्यायाधीश किस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, और जब मैं दलील सामने रख रहा था, तो अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा का अहसास कर रहा था।
न्यायाधीशों से जुड़ाव महसूस कर रहा था। मेरे लिए यह संतुष्टि की बात थी कि वह जुड़ाव मैंने उस वक्त नहीं देखा, जब दूसरा पक्ष (पाकिस्तानी वकील) अपनी दलील सामने रख रहा था।
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साल्वे ने कहा कि भारत ने वह गलती नहीं की, जो पाकिस्तान ने की। हमने यह सुनिश्चित किया कि अदालत को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि हम उन्हें भारत तथा पाकिस्तान के बीच किसी तरह की हिंसा या खींचतान में घसीट रहे हैं। साल्वे ने कहा कि आईसीजे का फैसला मानने के लिए पाकिस्तान बाध्य है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि उनका फैसला बाध्यकारी है। आईसीजे ने पाकिस्तान से कहा है कि आप अदालत को बताएं कि आप क्या कदम उठा रहे हैं। हम आप पर नजर रख रहे हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर भारत की जीत के लिए साल्वे के प्रति अपना आभार जताया। उन्होंने ट्वीट किया कि आईसीजे के समक्ष भारत के मामले को प्रभावी ढंग से रखने के लिए हम हरीश साल्वे के आभारी हैं।