प्रदूषित होती शहरी आबो-हवा से दूर किसी सुकूनभरे माहौल की तलाश में हैं तो, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का माथेरान हिल स्टेशन आपकी खोज पूरी कर सकता है। क्योंकि यह देश का सबसे छोटा हिल स्टेशन होने के साथ ही इकलौता ऐसा हिल स्टेशन है, जहां गाड़ियों का शोर और प्रकृति को नष्ट करता धुआं नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस इलाके में वाहन वर्जित हैं और यहां यात्रियों को हाथ रिक्शा, घोड़ा गाड़ी या फिर पैदल ही पूरे इलाके की सैर करनी पड़ती है।
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यहां दस्तूरी नाका से आगे वाहनों के जाने पर पाबंदी है। माथेरान में बंदरों की खासी आबादी है और औषधीय वनस्पतियां भी खूब हैं। माथेरान में 28 व्यू प्वाइंट, दो झीलें और दो पार्क हैं। सभी व्यू प्वाइंट का मजा लेने के लिए दो-तीन दिन का समय लग जाता है। प्रकृति के हसीं नजारों से घेरबंद इस इलाके में लाल मिट्टी, छायादार पेड़, ऊबड़-खाबड़ रास्ता, उनकी टापों के बीच ट्रैकिंग का अलग ही मजा है।
हरी-भरी पहाड़ियों के बीच टॉय ट्रेन का सफर और शहर के दर्शनीय स्थलों पर वैली-क्रॉसिंग का आकर्षण पर्यटकों को हर बार इस जगह की ओर खींच ही लाता है। माथेरान का मौसम यूं तो सालभर सुहावना रहता है, लेकिन अक्टूबर से मई तक का समय सबसे अच्छा है। वैसे माथेरान की असली छटा देखनी हो तो मानसून के तुरंत बाद का प्रोग्राम बनाएं।
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नेचर के साथ नेचर वॉक
माथेरान देश का इकलौता हिल स्टेशन है, जहां निजी वाहन ले जाने की अनुमति नहीं है। आप सिर्फ दस्तूरी नाका तक गाड़ी ले जा सकते हैं, लेकिन आगे जाने के रास्ते को पार करने के सिर्फ तीन ही विकल्प हैं पैदल, घोड़े या फिर हाथ-रिक्शा। दस्तूरी नाका से माथेरान के लिए मामूली सा प्रवेश शुल्क लगता है। लाल मिट्टी, छायादार पेड़, ऊबड़-खाबड़ रास्ता, घोड़े और उनकी टापों के बीच ट्रेकिंग का अलग ही मजा है।
रेलवे लाइन के साथ-साथ तीन किलोमीटर की यह नेचर वॉक तरो-ताजा कर देने वाली होती है। यह इलाका खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा है, इसलिए पर्यावरण मंत्रालय ने इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है। हर हिल स्टेशन की तरह यहां भी खूब सारे दर्शनीय स्थल हैं। इनमें से कुछ इको प्वाइंट पर पहाड़ से टकराकर खुद की आवाज भी सुनाई देती है। वहीं पेनोरमा प्वाइंट से उगते हुए सूरज का खूबसूरत नजारा है तो सनसेट प्वाइंट पर सुदूर पहाड़ियों के बीच गुम होता सूरज भी।
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वैली-क्रॉसिंग है आकर्षण
प्रकृति-प्रेमियों के लिए माथेरान किसी खास तोहफे से कम नहीं है। चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ हरियाली है। यहां कई तरह के जीव-जंतुओं का बसेरा है जैसे कि पपीहा, मैना, किंगफिशर और मुनिया। टॉय ट्रेन और प्रदूषण रहित आबो-हवा के अलावा माथेरान में वैली-क्रॉसिंग का आकर्षण है। वैली-क्रॉसिंग यानी रस्सियों की मदद से दो पहाड़ियों के बीच की खाई पार करना। अगर आप इस तरह के रोमांच में दिलचस्पी रखते हैं
तो माथेरान बेशक अच्छी जगह है। माथेरान में पानी की सप्लाई करने वाली शार्लोट लेक के नजदीक लॉर्ड्स प्वाइंट पर वैली क्रॉसिंग का मजा ही कुछ और है। इसमें दो विकल्प हैं, बटरफ्लाई वे और क्रॉलिंग वे। हनीमून प्वाइंट पर भी वैली-क्रॉसिंग का अपना ही मजा है।
यहां तक कि इस प्वाइंट पर एक प्रोफेशनल टीम पूरी ट्रेनिंग देती है। माथेरान के इन विभिन्न प्वाइंट्स पर वैली-क्रॉसिंग का तजुर्बा बेहतरीन है। इस शहर की सबसे व्यस्त सड़क है एमजी रोड यानी कि महात्मा गांधी रोड। दोपहर हो या शाम, सैलानियों का खूब जमावड़ा रहता है यहां। इस पहाड़ी क्षेत्र के बाजार में मिलने वाली सभी चीजें यहां की खास संस्कृति की झलक पेश करती हैं।
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