अजमेर। अजमेर स्मार्ट सिटी घोषित होना भी लगता है अभिशाप बन गया है। स्मार्ट सिटी ऐसा ही होना था तो नहीं चाहिए ऐसी स्मार्टनेस। पहले ही अच्छा था। कम से कम अधिकारी कर्मचारी देर सवेर ही सही पब्लिक की गुहार सुन तो लेते थे। ये कहना है सोमवार सुबह करीब 11 बजे से ब्लैकआउट का दंश भोग रहे अजमेर विकास प्राधिकरण की कॉलोनी गणेश गुवाडी के जी ब्लॉक के वाशिंदों का।
अजमेर विद्युत वितरण निगम की लापरवाही कहें या अयोग्यता, क्षेत्र में गुल हुई लाईट देर रात भी नहीं आई। गर्मी की मार में बिजली का जाना कोढ में खाज साबित हुआ। कुछ लोगों ने तो बताया कि अब वे रात बिताने के लिए मजबूरन अपने रिश्तेदारों और मित्रों के घर सोने जा रहे हैं।
रात करीब 11 बजे जब मौके पर कॉलोनी का हाल देखा गया तो अधिकतर लोग घर के बाहर सडक पर सोने को मजबूर थे। लोगों को शिकायत थी कि विद्युत वितरण निगम के कॉल सेंटर पर कई बार शिकायत दर्ज कराने को डायल करते हैं तो वे कॉल ही अटेंड नहीं करते, कुछ के कॉल अटेंड कर लिए तो उन्हें कंपलेंट नंबर नहीं दिए। दिनभर यही आलम रहा और सिर्फ आश्वासन मिलता रहा कि लाइट अभी आ जाएगी। देर रात तक लोग इंतजार ही करते रहे।
सबगुरु न्यूज के प्रतिनिधि ने जब पडताल करने के लिए कॉल सेंटर पर संपर्क किया तो उन्हें भी रटा रटाया जवाब मिला। जब उनसे उच्चाधिकारियों से इस बारे में बात करने को फोन नंबर चाहे तो उसने यह कहकर फोन काट दिया कि अधिकारियों के नंबर बताने की मनाही है।
सारे हालात से जाहिर था कि अधिकारी अपने आराम में खलल नहीं पडने देना चाहते और कर्मचारियों में इतनी क्षमता नहीं रही कि जिस काम की तनख्वाह वे ले रहे है उस काम को करने की उनमें योग्यता नहीं है।
14 घंटे से अधिक तक एक हजार मकानों की कॉलोनी की बिजली गुल रहता विद्युत वितरण निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।