हैदराबाद। तेलंगाना में एक दलित युवक के लापता होने के मामले ने शनिवार को उस वक्त नाटकीय मोड़ ले लिया, जब पुलिस ने उसके ससुर तथा दो अन्य को उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा कि अंबोजी नरेश की उसके ससुर श्रीनिवास रेड्डी ने हत्या कर दी, क्योंकि वह अपनी बेटी के दूसरी जाति के युवक से शादी करने से नाराज था। नरेश बीते एक मई से लापता था।
रेड्डी ने अपनी बेटी स्वाति तथा दामाद को मुंबई से यह वादा कर बुलाया था कि उसने दोनों की शादी को स्वीकार कर लिया है। उसने कथित तौर पर नरेश की हत्या कर दी और लाश को नालगोंडा जिले के लिंगाराजूपल्ली गांव में अपने खेत में जला दिया।
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लगभग दो सप्ताह की पूछताछ के बाद रेड़्डी ने अपराध कबूल कर लिया और पुलिस को कहा कि अपराध को अंजाम देने के लिए उसने अपने भाई तथा बेटे की मदद ली और उसके शव को जलाकर उसे मुसी नदी में फेंक दिया।
स्वाति (20) ने 16 मई को अपने माता-पिता के घर में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी, जिसके साथ ही बचपन के दो दोस्तों की प्रेम कथा और अंतरजातीय विवाह का दुखद अंत हो गया।
स्वाति ने मार्च महीने में अपने पिता की मर्जी के खिलाफ मुंबई भागकर शादी की थी। उच्च जाति से ताल्लुक रखने वाले रेड्डी ने नरेश तथा उनके माता-पिता के खिलाफ दहेज का मामला भी दर्ज कराया है।
नरेश के पिता अंबोजी वेंकटेश ने हैदराबाद उच्च न्यायालय से संपर्क कर अपने लापता बेटे की तलाश के लिए पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया था। उन्होंने अपने बेटे के लापता होने के पीछे स्वाति के पिता का हाथ होने का अंदेशा जताया था।
स्वाति ने इस मामले में अदालत में पेश होने से दो दिन पहले कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी। अदालत ने 18 मई को पुलिस को नरेश की गुमशुदगी के मामले की जांच करने तथा एक जून तक रिपोर्ट सौंपने को कहा था।