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ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अदालत ने देश की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई की ओर से दर्ज किए गए दो मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए।
वे जिया अनाथालय ट्रस्ट और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के मामलों पर सुनवाई के दौरान बुधवार को अदालत में पेश नहीं हुई, जिस कारण ढाका के तृतीय विशेष महानगर दंडाधिकारी मोहम्मद अबू अहमद जमादार की अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर दी। खालिदा बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख हैं।
दो अन्य आरोपियों में बीएनपी के पूर्व सांसद काजी सलीमउल हक और व्यापारी शर्फुद्दीन अहमद का नाम शामिल है। सलीमउल हक और शर्फुद्दीन भी विभिन्न कारणों का हावाला देते हुए अदालत में पेश नहीं हुए थे।
खालिदा के वकील जैनुल अबेदीन मिस्बाह ने कहा कि उनकी मुवक्किल सुरक्षा कारणों से अदालत में पेश नहीं हो सकतीं। अदालत के बाहर पुलिस और खालिदा के नाराज समर्थकों के बीच झड़पें हो गई।
खालिदा ने 24 दिसंबर को आखिरी बार अदालत की सुनवाई में भाग लिया था। 29 जनवरी को भ्रष्टाचार के दोनों मामलों की सुनवाई के लिए अदालत ने 25 फरवरी की तारीख तय की थी।
ढाका के तृतीय विशेष महानगर दंडाधिकारी की अदालत ने 19 मार्च को खालिदा, उनके बड़े बेटे तारिक रहमान और सात अन्य लोगों के खिलाफ बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) द्वारा जिया अनाथालय ट्रस्ट और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के दर्ज मामलों पर आरोप तय किए थे। खालिदा को दोनों मामलों में आरोपित किया गया है, जबकि उनके बड़े बेटे तारिक रहमान और बीएनपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष को अनाथालय मामले में आरोपी बनाया गया है।
2011 में भ्रष्टाचार विरोधी इकाई ने बीएनपी प्रमुख खालिदा और तीन अन्य के खिलाफ उनके दिवंगत पति और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के नाम पर जिया चैरिटेबल ट्रस्ट का 3.15 करोड़ टका हड़पने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था।