पटना। भारतीय जनता पाार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को जब फिर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिजनों पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगाया, तो लालू ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें दूसरे के घरों में झांकने की आदत है।
मोदी ने यहां प्रेसवार्ता में दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि बिहार सांसद एवं विधान मंडलीय सदस्य सहकारी गृह निर्माण समिति की प्लॉट संख्या 207, 208, 209, 210 तथा 211 यानी कुल पांच प्लॉट अभी लालू प्रसाद के कब्जे में हैं।
मोदी ने पत्रकारों से कहा कि सहकारी समिति के प्रावधान के अनुसार किसी भी सदस्य को एक से अधिक प्लॉट लेने की अनुमति नहीं दी जाती है। ऐसे में राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री रहते पद का दुरुपयोग कर पहले पूर्व मंत्री सुधा श्रीवास्तव से प्लॉट नंबर 151 लिखवा लिया और फिर अब्दुल बारी सिद्दीकी से अदला-बदली के नाम पर प्लॉट नंबर 209 अपने नाम करवा लिया।”
उन्होंने बताया कि समिति द्वारा सामुदायिक भवन के लिए सुरक्षित रखे गए प्लॉट नंबर 210 को भी लालू के रिश्तेदार साधु यादव को बेच दिया गया। मोदी ने आरोप लगाया है कि राजद नेता प्रेमचंद्र गुप्ता को भी एक प्लॉट संख्या 211 बिना आवंटन के ही दे दिया गया। इसी तरह प्लॉट नंबर 207 बादशाह आजाद से मात्र 37 हजार रुपये का भुगतान कर लालू परिवार अपने नाम करवा लिया।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस प्रकार लालू प्रसाद का आज भी पांच प्लॉट पर व्यावहारिक रूप से कब्जा है। सुमो ने दावा किया है कि लालू प्रसाद के करीबी जयप्रकाश यादव ने अध्यक्ष पद का दुरुप्रयोग कर एक प्लॉट 222 रहते प्लॉट नंबर 223 भी अपने नाम करवा लिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह जमीन खास महल की जमीन थी, जिसका इस्तेमाल आवास के लिए होना था, लेकिन लालू सहित उनके चाहने वाले उस भूभाग का इस्तेमाल व्यावसायिक रूप से कर रहे हैं, जो नियम विरुद्ध है।
मोदी ने राज्य सरकार से इस अनियमितता के खिलाफ कारवाई करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को लालू से दंडस्वरूप राशि वसूलनी चाहिए तथा समिति पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आज समिति पर 95 प्रतिशत राजद का कब्जा है।
इधर, लालू ने इशारों ही इशारों में सुमो पर पलटवार करते हुए ट्विटर पर लिखा कि दूसरों के घर में कितनी खिड़की-जंगले, पंखे-कूलर हैं, वह इसे पता है, पर भाई की कंपनी में मनी लॉन्ड्रिंग का सरताज डायरेक्टर (निदेशक) है, वह नहीं पता? है ना गजब।
लालू ने सुमो पर तंज कसते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा कि ई लोग अपने काले कारनामों में फंसता है, तब सगे भाई को ही ‘डिसाउन’ (परित्याग) कर देता है। दूसरे दिन भाई को ही ‘रिश्तेदार’ बता रहा था। मतलब सब काला-ही-काला।
उल्लेखनीय है कि सुमो पिछले दो महीने से लालू और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति को लेकर लगातार आरोप लगा रहे हैं।