भोपाल। मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में वर्ष-2015-16 के लिए राज्य का बजट पेश किया। मलैया द्वारा इस वर्ष 1 लाख 31 हजार 199 करोड़ का बजट पेश किया गया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 20 हजार करोड़ अधिक है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री आत्मविश्वास से लबरेज दिखे।
विधानसभा में वित्त मंत्री श्री मलैया ने 10.30 बजे अपना बजट भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है। हमारी सरकार जन-आकांक्षाओं पर खरी उतरी है। यही कारण है कि पिछला बजट भी अपनी व्यापकता के कारण सभी वर्गों द्वारा सराहा गया। मलैया ने कहा कि वे आगामी वित्त वर्ष का बजट सदन में रखते हुए आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं। यह बजट विकास का आधार है और सामाजिक सरोकार ही इसकी पहचान है, जो कि वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं को पूरा करने में सफल होगा। हमारी सरकार का लक्ष्य स्वर्णिम राज्य बनाना है। इस मध्यप्रदेश की आधारशिला को निरंतर आगे बढ़ाने की दिशा में यह बजट निश्चित ही एक मिसाल कायम करेगा।
उन्होंने कहा कि लगातार हमारी सरकार द्वारा जो योजनाएं सुबे के विकास को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गईं, उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर सराहना मिली है। हम अपनी कोशिशों में लगातार कामयाब हो रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश बीमारू राज्य की छाया से पूरी तरह मुक्त हो चुका है। श्री मलैया ने आगे कहा कि सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश चना एवं सोयाबीन उत्पादन में नंबर वन बना है। इसके साथ ही सिंचाई क्षमता में चार गुने का इजाफा हुआ है।
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने सदन में 1 लाख 31 हजार 199 करोड़ रुपए का बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। सरकार के पास इस वर्ष 18 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य है। वहीं, प्रदेश में अब तक 19 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य दुग्ध उत्पादन में देशभर में अव्वल है। हम 10.25 लाख लीटर दुग्ध का संग्रहण कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेशवासी राज्य के बजट को लेकर पिछले कई दिनों से काफी उत्साहित थे, इसीलिए सबकी निगाहें इसी पर टिकी हुई थीं कि उनके लिए वित्त मंत्री के पिटारे में क्या निकलता है। तो आइए, देखते हैं कि बजट में किसे क्या हासिल हुआ?
बजट में सरकार की प्राथमिकता और लक्ष्य
-पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत 2500 किमी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य।
– प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों को फोरलेन से जोड़ने का लक्ष्य।
– प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 3000 किलोमीटर सड़क निर्माण और 3900 किमी सड़क नीवीनीकरण का लक्ष्य। इसके लिए 33 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान।
– लघु सिंचाई की 199 परियोजनाओं को मंजूरी।
– सिंचाई के लिए 1.463 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– सिंहस्थ के लिए 300 करोड़ रुपए के काम का प्रावधान।
– पीएचई के तहत पेजयल के लिए 2242 करोड़ रुपए स्वीकृत।
– इंदौर और भोपाल में जल्द से जल्द मेट्रो ट्रेन शुरू करने की योजना पर काम शुरू।
– रीवा में बनेगा सबसे बड़ा 750 अल्ट्रामेगा सोलर एवं पावर प्लांट।
– नवीन ऊर्जा से 3733 मेगावॉट उत्पादन का लक्ष्य
– उच्च शिक्षा के लिए 2000 करोड़ रुपए स्वीकृत
– 100 माध्यमिक स्कूलों को हाई स्कूल और 100 हाई स्कूलों को हायर सेकेंडरी बनाने का प्रावधान।
-तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए 25 नए आईटीआई खोलने का लक्ष्य।
-स्वच्छ भारत के लिए सभी स्कूलों में शौचालय बनाने का प्रावधान। इसके लिए 552 करोड़ का लक्ष्य।
– शहरों में विकास के लिए अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड के निर्माण का प्रावधान।
– 1398 करोड़ रुपए लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए रखे गए।
– 552 करोड़ रुपए स्वच्छ भारत और स्वच्छ स्कूल के लिए मंजूर।
– वर्ष-2018 तक खुले में शौच करने को खत्म करने का प्रावधान।
– 649 करोड़ रुपए चिकित्सा शिक्षा के लिए प्रस्तावित।
– तकनीकी शिक्षा के लिए 800 करोड़ का प्रावधान।
– खंडवा और बैतूल में दो बिजली परियोजनाओं के विस्तार का लक्ष्य।
– प्रदेश में 450 करोड़ से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में होगी मुफ्त में डायलिसिल। स्वास्थ्य के लिए कुल 4740 करोड़ का प्रावधान।
जनता को मिली इन चीजों पर राहत
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से वित्त मंत्री जयंत मलैया ने लगातार दूसरी बार बजट प्रस्तुत करते हुए सदन में आम नागरिकों को भी कुछ वस्तुओं पर राहत देने का ऐलान किया है। वित्त वर्ष-2015-16 में सूबे की जनता को खिलौने, डाइपर, शू पालिस, साइकिल, बैटरी आदि खरीदने पर राहत मिलेगी। वहीं, इस वर्ष में उन सभी महिलाओं को सरकार निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सुविधा देने जा रही है, जो कि स्वयं निजी वाहन चलाने की चाह रखती हैं। वहीं, सरकार गरीबों के लिए नए वित्तीय वर्ष में अधिकतम आवास बनाने का लक्ष्य लेकर चलेगी। इसकी भी घोषणा श्री मलैया ने सदन में की है। सरकार का लक्ष्य अपने पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल में 2018 तक शहरों में 5 लाख आवास बनाने का है।
तंबाकू उत्पाद, अपने घर का सपना हुआ महंगा, ये वस्तुएं होंगी महंगी
– फ्लोरिंग स्टोन पर वैट दरों में इजाफा।
– रेत, गिट्टी एवं केक होगा महंगा।
– वर्क कांट्रेक्ट पर अब स्टांप शुल्क लगाया जाएगा।
– मीडिया तथा रेडियो पर 0.25 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगेगा।
– तंबाकू उत्पादों पर वैट में इजाफा, 13 से बढ़ाकर किया 27 प्रतिशत।
– दूसरे राज्यों से आने वाली नैचुरल गैस पर लगेगा 10 फीसदी प्रवेश कर।
– घर निर्माण सामग्री एवं टीवी विज्ञापन होंगे महंगे।
– एविएशन और गैस पर 4 प्रतिशत वैट लगेगा।
बजट में अन्य घोषणाएं
– सरकार द्वारा टाइगर रिजर्व के विकास की कोशिशें जारी हैं। बजट में वनों एवं टाइगर रिजर्वों के विकास के लिए 2698 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। वहीं, पर्यटन के विकास के लिए 134 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।
– मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत 80 हजार लोगों को विभिन्न तीर्थों की यात्रा करवाई जाएगी। इसके लिए 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।
– खंडवा के टाइगर संकुल कला की स्थापना को मंजूरी।
– महिला एवं बाल विकास के लिए 1398 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– स्किल डेवलपमेंट के लिए 800 करोड़ का प्रावधान।
– उद्योग लगाने के लिए नियमों को सरल बनाने का प्रस्ताव।
– खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 199 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– डायल 100 योजना के लिए 632 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
– पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 950 करोड़ प्रस्तावित।
– प्रदेश में 50 पुलों के निर्माण को मंजूरी।
– परिवहन विकास के लिए 140 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– कला संस्कृति एवं धर्मोत्सव के लिए 142 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
– कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग के लिए 316 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– ई-खनिज योजना को स्वीकृति।
– राज्य बीमा अस्पतालों के नवीनीकरण के लिए 7 करोड़ रुपए का प्रावधान।
– राजस्व विभाग के लिए 3398 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– शिक्षा के प्रचार के लिए 6000 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
– पुलिस विभाग में 5000 अतिरिक्त पद प्रस्तावित।
– उज्जैन में हर महीने सांस्कृतिक आयोजन होंगे।
– प्रदेश की 19 लाख बेटियां लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभांवित। इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित।
-व्यावसासियों, ठेकेदारों को टीडीएस सर्टीफिकेट ऑनलाइन मिलेगा। कारोबारियों के लिए मोबाइल एप शुरू किया गया है। इनके सेल्फ एसेसेमेंट की सूचना अब ईमेल के माध्यम से दी जाएगी।
प्रदेश के नागरिकों को राहत
– स्पोर्ट्स क्लब मनोरंजन कर से मुफ्त।
– 100 रुपए सम की टिकटों पर मनोरंजन कर में मिलेगी छूट।
– कई कृषि यंत्रों को कर में छूट मिलने के साथ ही पर्स, ताला चाबी, आइना एवं मप्र में बने 500 रुपए से कम कीमत के जूते आदि सभी को किया कर मुक्त।
-साइकिल, ट्राइसाइकिल, साइकिल रिक्शा आदि पर नहीं लगेगा वैट।
– हैंडलूम, अखबारी कागज, चमड़ा, तिलहन, चाय पर कर यथावत।
– फोटो एलबम, कार्बन पेपर, हाइड्रोलिक ट्रॉली, बैटरी चलित कार, चावल और आटे पर 13 की जगह लगेगा 4 प्रतिशत वैट।
– हाथी दांत की चूड़ियां, नालीदार शीट, गैस चूल्हा, पर्स, सोया मिल्क पाउडर, रेजर, ब्लेड, कलौंजी का तेल, इंडक्शन चूल्हे सस्ते हुए।
– बच्चों की किताबें एवं नोटबुक हुई सस्ती।
– गरीबों के लिए बनाए जाएंगे मकान।