लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बीयर बार के उद्घाटन के बाद सुर्खियों में आईं मंत्री स्वाती सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब भाजपा के एक पदाधिकारी ने यह कहकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि उप्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले यश भारती पुरस्कार को जारी रखा जाए।
भाजपा के प्रवक्ता और प्रदेश स्तर के एक नेता नरेंद्र सिंह राणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुजारिश की है कि यशभारती पेंशन को इसलिए जारी रखा जाए क्योंकि उनके जैसे कई लोगों का गुजारा इस पुरस्कार के तहत प्राप्त होने वाली प्रतिमाह राशि से चलता है।
इस प्रकार का एक पत्र भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सिंह राणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि वह लोग जिन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उनका गुजारा इसके तहत मिलने वाली राशि से होता है। मैं भी उन्हीं में से एक हूं। अत: इस पेंशन को बंद ना किया जाए।
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इसमें भी रोचक तथ्य यह है कि पुरस्कार नरेंद्र सिंह राणा को पावर लिटिंग नामक खेल में महवपूर्ण योगदान के लिए मिला था। राणा ना सिर्फ लखनऊ के ही एक पॉश इलाके की मुख्य मार्ग पर स्थित बड़ी सी कोठी में रहते हैं, साथ ही खुद के चलने के लिए बड़ी गाड़ियों का इस्तेमाल भी करते हैं।
खास बात यह है कि उन्हें यह अत्यंत चर्चित रहा पुरस्कार परंपराओं के विपरीत आश्चर्यजनक रूप से समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में दिया गया था जबकि वे भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जैसे पद पर आसीन रहे।
उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा 1994 में शुरू किया गया प्रदेश का सबसे बड़ा सम्मान ‘यश भारती’ भी जांच के घेरे में आ गया है। हालांकि, मुलायम के बाद सरकार में आई मायावती की सरकार बनने पर यह पुरस्कार बंद कर दिए थे।
जब 2012 में सपा सत्ता में आई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे फिर से शुरू कर दिया। जिसके बाद उनके पुत्र अखिलेश यादव की सरकार के दौरान बड़ी संख्या में दिया गया यह पुरस्कार विवाद और चर्चाओं के घेरे में रहा है।
राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यश भारती की जांच करवाने का आदेश भी दे दिए हैं।
योगी का कहना है कि सपा सरकार ने कई गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा को गिराया है। अब इसकी जांच होगी और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
यह सम्मान कला, संस्कृति, साहित्य और खेलकूद में देश के लिए नाम कमाने वाले को दिया जाता है। इस अवार्ड में 11 लाख रुपए नकद, 50 हजार रुपए की पेंशन मिलती है।
इस सम्मान से नवाजे जाने वालों में हरिवंश राय बच्चन, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, रेखा भारद्वाज, शुभा मुद्गल, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नसीरुद्दीन शाह, भुवनेश्वर कुमार, रविंद्र जैन जैसी बड़ी हस्तियां शामिल हैं।